साइलेंट किलर कहलाता हैं हाई ब्लड प्रेशर, जानें इसके लक्षण और ध्यान रखने वाली बातें

वर्तमान समय की जीवनशैली आपको कई बीमारियों का शिकार बना रही हैं जिसमें से एक हैं हाई ब्लड प्रेशर जिसे साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता हैं। हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन की बीमारी इंसान को मौत की तरफ भी धकेल सकती है। हाई ब्लड प्रेशर एक लाइफस्टाइल डिज़िज़ है जिसके मरीज़ों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। हाई बीपी या हाइपरटेंशन के मरीज़ों को कई बार यह समझ नहीं आता कि उनका ब्लड प्रेशर हाई है। रक्तचाप बढ़ने या ब्लड प्रेशर लेवल बढ़ने पर शरीर में कई तरह के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इन लक्षणों को पहचानकर समय रहते उचित कदम उठाए जा सकते हैं और इस बीमारी के बुरे प्रभावों से बचा जा सकता हैं। आज हम आपको इसके लक्षणों और इस दौरान ध्यान रखने वाली बातों के बारे में बताने जा रहे हैं।

गम्भीर सिरदर्द

आमतौर पर लोगों को रोज़मर्रा की ज़िंदगी में सिरदर्द महसूस होता ही है। घर-दफ्तर के काम, पेट से जुड़ी समस्याएं, नींद की कमी और तनाव जैसे कारणों से लोगों को सिरदर्द की समस्या होती है। लेकिन हाई बीपी के मरीज़ों को भी सिरदर्द होता ही है। जब ब्लड प्रेशर बहुत हाई हो जाता है तो गम्भीर या असहनीय सिरदर्द होने लगता है। इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें और सही इलाज के लिए पूछें।

एडी में सूजन

हाई ब्लड प्रेशर की वजह से आपके दिल को पहले से ज्यादा मेहनत करने की जरूरत होती है। लंबे समय में यह अतिरिक्त प्रयास आपके हृदय की मांसपेशियों को मोटा बना सकता है। यह अंततः आपकी ए़डी में तरल पदार्थों का निर्माण करते है, जिससे वे सूज जाते हैं। देखा गया है कि पैरों को ऊपर उठाकर बैठने से आपका रक्त अधिक स्वतंत्र रूप से प्रवाहित होता है और सूजन को कम करने में मदद मिलती है। लेकिन वक्त रहते इसे अपने डॉक्टर से परामर्श करना बेहत विकल्प है।

सांस लेने से जुड़ी समस्याएं

कोरोना के बाद से सांस लेने से जुड़ी परेशानियों को नज़रअंदाज ना करने की सलाह दी जाती हैं। लेकिन, सांस लेने में दिक्कतें आना हाई बीपी का भी एक महत्वपूर्ण लक्षण होती हैं। यह एक गम्भीर लक्षण है बीपी की समस्या के आरंभ से ही दिखायी देने लगता है।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन

उच्च रक्तचाप रक्त वाहिकाओं के लाइनिंग को नुकसान पहुंचा सकता है जिससे धमनियां सख्त और संकीर्ण हो जाती हैं। इसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है, जो शरीर में रक्त के प्रवाह को कम कर देता है। इससे कुछ पुरुषों में इरेक्शन हासिल करना और उसे बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। इसके साथ ही इससे पीड़ित पुरुषों में यौन इच्छा की कमी की समस्या होती है। यदि आप इससे ग्रसित हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से चर्चा करें।

अनियमित हार्ट बीट

अनियमित धड़कन यानि दिल धड़कने की रफ्तार बदलना भी हाई बीपी का एक लक्षण है। अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें और ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए इस बारे में पूरी जानकारी हासिल करें।

बार-बार पेशाब आना है

बार-बार पेशाब और हाई बीपी एक दूसरे से संबंधित होते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, रात में पेशाब करने के लिए उठना उच्च रक्तचाप होने की 40% अधिक संभावना से जुड़ा था।

नज़र कमज़ोर होना

ब्लड प्रेशर अधिक होने पर आंखों की रोशनी भी कमज़ोर हो जाती है। हाई ब्लड प्रेशर आंखों के रेटिना से जुड़ी नसों को नुकसान पहुंचाता है। जिससे, दिखायी कम देने लगता है।

इन बातों का भी रखें ख्याल

हेल्दी डायट लें

हेल्दी लाइफ के लिए हेल्दी डायट बहुत जरूरी है। अपनी डायट में फ्रेश फल और हरी पत्ते वाली सब्जियां, डेयरी प्रोडक्ट, प्रोटीन, फाइबर युक्त खाने की चीजों को शामिल करें। कम फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट, साबुत अनाज और जरूरी विटामिन और मिनरल्स से भरपूर खाने की चीजें को डायट में शामिल करें।

एक्टिव रहना है बेहद जरूरी

हेल्दी रहने के लिए शारीरिक गतिविधि जरूरी है। आपके शरीर की सभी मांसपेशियों की तरह, इसे भी मजबूत और हेल्दी रखने के लिए रोजाना एक्सरसाइज करना जरूरी होता है। रोजाना कम से कम तीस मिनट एक्सरसाइज करें।

मोटापा करें कम

शरीर का वजन बढ़ने पर अक्सर ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। एक सामान्य बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) जो 20-25 है, इसे बनाए रखना बेहद जरूरी है। 25 से ज्यादा बीएमआई होने से आपके हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है। वजन घटाने से आपका ब्लड प्रेशर काफी कम हो सकता है।

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