अत्यधिक ठंड हो सकती है जानलेवा, बचाव ही समाधान: सीएमओ
वाराणसी, 6 दिसंबर 2024: ठंड के मौसम में स्वास्थ्य विभाग ने ठंड से बचाव के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कम तापमान और ठंडी हवाओं के कारण श्वसन तंत्र, हृदय रोग, अवसाद जैसी समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है। विशेष रूप से वृद्ध, नवजात शिशु, गर्भवती महिलाएं और हृदय व श्वसन रोगी अधिक संवेदनशील होते हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संदीप चौधरी ने सभी चिकित्सालयों में ठंड से बचाव के इंतजाम सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
चिकित्सालयों में ठंड से बचाव हेतु व्यवस्थाएं:
सभी अस्पतालों में वार्ड्स में रूम हीटर, वॉर्मर और कंबलों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। रैन बसेरों और तीमारदारों के विश्राम स्थलों में भी गर्म कपड़े, रूम हीटर और दरवाजों-खिड़कियों की मरम्मत जैसे उपाय किए जाएं। पीडियाट्रिक वार्ड, नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (NICU) और सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में तापमान नियंत्रित रखने के लिए उपकरण सक्रिय रहें।
सीएमओ ने बताया कि ठंड के कारण मानसिक रोगियों की संख्या भी बढ़ सकती है। ऐसे में जिला चिकित्सालयों में इन रोगियों के लिए परामर्श और औषधि उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। फ्रंटलाइन वर्कर्स (आशा, ANM) को भी ठंड से बचाव और जनजागरूकता अभियान के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
ठंड से बचाव के लिए क्या करें:
- गर्म कपड़ों की पर्याप्त व्यवस्था करें और हल्के व ढीले ऊनी कपड़े पहनें।
- शरीर को सूखा और गर्म रखें, गीले कपड़े न पहनें।
- घर में ही रहें और ठंडी हवा से बचें।
- स्वस्थ भोजन और विटामिन सी युक्त फल-सब्जियों का सेवन करें।
- नियमित रूप से गर्म तरल पदार्थ पिएं।
- कंपकंपी महसूस होने पर तुरंत गर्म स्थान पर चले जाएं।
क्या न करें:
- ठंड में लंबे समय तक बाहर न रहें।
- मदिरा का सेवन न करें, यह शरीर का तापमान कम कर सकता है।
- ठंड से प्रभावित व्यक्ति को तरल पदार्थ तब तक न दें, जब तक वह चैतन्य न हो।
स्वास्थ्य विभाग ने अत्यधिक ठंड के खतरों को देखते हुए सभी नागरिकों से सतर्क रहने और इन उपायों का पालन करने की अपील की है।