न्यूज़ डेस्क। हाथरस में भगदड़ के बाद 121 लोगों की मौत के मामले में पुलिस ने बाबा नारायण साकार हरि के 6 सेवादारों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि बाबा को लेकर पुलिस का कहना कि अगर जरूरत पड़ी तो बाबा से पूछताछ की जाएगी। फिलहाल एफआईआर में बाबा का नाम नहीं है। वहीं बाबा के सबसे करीबी सेवादार मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर पर पुलिस ने एक लाख रुपए का इनाम रखा है। पुलिस ने कहा कि बाबा के फॉलोअर्स हर शहर में हैं, ऐसे में हमारी टीम कई जगह लगी है। बाबा के खिलाफ जहां भी मामले दर्ज होंगे, उसके लिए हमने टीम लगाई है। बाबा के खिलाफ कितने केस दर्ज हैं इसकी भी जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि बाबा ने नौकरी से वीआरएस लिया था।
वहीं भगदड़ पर पुलिस ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम में ये लोग खुद क्राउड मैनेजमेंट करते हैं। प्रशासन को इस काम के लिए परमिशन नहीं देते हैं। फिलहाल मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर पर एक लाख रुपए का इनाम रखा गया है। उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट की कर्रवाई भी चल रही है। उन्होंने कहा कि बाबा का रोल सामने आएगा तो उनके खिलाफ भी कर्रवाई करेंगे। जो लोग गिरफ्तार हुए हैं, उनमें 2 महिलाएं भी शामिल हैं। पकड़े गए सभी लोग आयोजन समिति के सदस्य हैं। क्राउड मैनेजमेंट का काम इन्हीं लोगों का था।
पुलिस की माने तो पिछले मंगलवार को हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र स्थित फुलरई गांव में आयोजित हरिनारायण साकार विश्वहरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मामले में अब तक दो महिला सेवादारों समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि मामले के प्रमुख अभियुक्त और मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है। उसके खिलाफ जल्द ही गैर जमानती वारंट भी जारी किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पकड़े गये लोगों में राम नरेते, उपेन्द्र सिंह यादव, नेक सिंह, मंजू यादव, मुकेश कुमार और मंजू देवी शामिल हैं। पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि वे सभी सत्संग आयोजन समिति के सदस्य हैं। वे मुख्यत: सेवादार के रूप में काम करते हैं और पहले भी वह ऐसे कई आयोजन करा चुके हैं। वे बैरीकेडिंग करके भीड़ नियंत्रण, पंडाल व्यवस्था, बिजली आपूर्ति और सफाई की व्यवस्था कराते थे। मिली जानकारी के अनुसार जोन स्तर पर एक स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) का गठन हुआ है जो घटना में शामिल लोगों और संस्था के सेवादार अधिकारियों और पदाधिकारियों की भूमिका की जांच करेगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा रेंज स्तर की जितनी भी एसओजी टीम हैं, उन्हें हाथरस के पुलिस अधीक्षक की मदद के लिये सम्बद्ध किया गया है।