हाल ए फुलमण्डी:1973 में खत्म हो चुका था पट्टा, फिर भी दशकों से कब्जा

वाराणसी (काशीवार्ता)।
इंग्लिशिया लाइन स्थित नगर निगम की जिस बेशकीमती भूमि पर लंबे समय से भूमाफिया का कब्जा बना हुआ है, उसका पट्टा वर्ष 1973 में ही समाप्त हो चुका था। यह भूमि जीजीआईसी की तत्कालीन प्रिंसिपल राजेश्वरी देवी को पट्टे पर आवंटित की गई थी। पट्टे की अवधि समाप्त होने के बावजूद यहां फूल मंडी सहित कई तरह की गतिविधियां चलती रहीं और कब्जा कई हाथों से गुजरता गया।

कमलापति त्रिपाठी की बहू रहीं काबिज

सूत्रों के मुताबिक कुछ वर्षों तक इस जमीन पर पूर्व प्रधानमंत्री पंडित कमलापति त्रिपाठी की बहू चंद्रा त्रिपाठी का कब्जा रहा। उन्होंने यह जमीन राजेश्वरी देवी से किराए पर ली थी। उस समय यहां आरा मशीन का संचालन होता था। बिजली विभाग और वन विभाग का लाखों रुपये का बकाया होने के बाद आरा मशीन का संचालन पियरी निवासी राजाराम दुबे को सौंप दिया गया।

आरा मशीन से फूल मंडी तक का सफर

बरसों तक आरा मशीन चलने के बाद अस्सी के दशक में राजाराम दुबे ने यहां फूल मंडी की शुरुआत कर दी। उनकी मृत्यु के बाद फूल मंडी की जिम्मेदारी उनके पुत्र प्रमोद दुबे ने संभाली। प्रमोद दुबे की मौत के बाद अब तीसरी पीढ़ी के विशाल दुबे का यहां कब्जा बताया जा रहा है।

वारिसानों में चला मुकदमा, मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा

नगर निगम की मूल पट्टाधारक राजेश्वरी देवी की मृत्यु के बाद उनके पुत्र भगवानदास श्रीवास्तव और उनके भाई के बीच संपत्ति बंटवारे को लेकर विवाद हुआ। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। इस दौरान भगवानदास ने अपने हिस्से की जमीन इलाहाबाद के काली कंस्ट्रक्शन नामक बिल्डर को बेच दी थी। हाईकोर्ट ने अंततः भगवानदास के भाई के पक्ष में फैसला सुनाया और पुलिस की मदद से अवैध कब्जा हटाने का आदेश दिया।

कभी यहां चलता था सरकारी अस्पताल

फूल मंडी परिसर में स्थित एक भवन में कभी सीएमओ के अधीन सरकारी अस्पताल भी संचालित होता था। वर्तमान में इसी भवन में राजेश्वरी देवी के पुत्र का परिवार रहता है।

नगर निगम ने करोड़ों की जमीन कराई मुक्त

नगर निगम ने बीते कुछ महीनों में सैकड़ों करोड़ रुपये मूल्य की जमीन भूमाफियाओं के कब्जे से मुक्त कराई है। इसमें कैंट मालगोदाम की जमीन, कज्जाकपुरा क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण हटाकर यूनिटी मॉल के लिए जमीन खाली कराना और अस्सी घाट पर चार बिस्वा बेशकीमती भूमि को मुक्त कर पार्किंग का निर्माण शामिल है।

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