Gupt Navratri 2024: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में इस सवारी पर आ रही हैं मां दुर्गा, जानिए क्या है मतलब और किस तरह पड़ेगा इसका प्रभाव?

वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन गुप्त नवरात्रि पर्व का शुभारंभ होता है। इस पर्व को आषाढ़ नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि के दौरान मां भगवती के गुप्त तांत्रिक विद्याओं की उपासना की जाती है। साथ ही इस दौरान तांत्रिक पद्धति से पूजा-पाठ की जाती है। पंचांग में बताया गया है कि इस वर्ष गुप्त नवरात्रि 06 जुलाई 2024, शनिवार से शुरू हो रही है। इस हर साल की तरह इस वर्ष भी मां भगवती एक विशेष सवारी पर सवार होकर आ रही है। आइए जानते हैं किसपर सवार होकर आ रही हैं मां और क्या है इसका अर्थ?

इस सवारी पर आ रही हैं मां दुर्गा
ज्योतिष विद्वानों के अनुसार, विक्रम संवत 2081 में मां दुर्गा आषाढ़ नवरात्रि में घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं। विद्वानों द्वारा यह भविष्यवाणी की गई है कि इससे दुनिया में प्राकृतिक आपदा, सत्ता परिवर्तन या युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

गुप्त नवरात्री के दौरान उन नियमों का करें पालन
शास्त्रों में यह बताया गया है कि गुप्त नवरात्रि के दौरान व्यक्ति को मन में नकारात्मक विचार नहीं लाने चाहिए। साथ ही किसी के भी खिलाफ अप-शब्द का प्रयोग ना करें. इससे पूजा का फल नष्ट हो जाता है।

गुप्त नवरात्रि की अवधि में दान-पुण्य का विशेष महत्व है, इसलिए घर के द्वार पर आए किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को खाली हाथ न लौटाएं। ऐसा करने से पूजा सफल नहीं होती है।

नवरात्रि के नौ दिनों में विशेष रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करें और अपनी इन्द्रियों पर काबू रखें। इससे मन एकाग्र रहता है और पूजा हेतु मन और चित्त शुद्ध रहता है।

गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक कलाओं से माता की पूजा की जाती है, जिसे तंत्र-मंत्र के ज्ञाताओं द्वारा ही किया जाता है। इसलिए सात्विक प्रवृत्ति के लोग तांत्रिक पूजा न करें। इसके साथ इस दौरान किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध यह पूजा न करें। इसके कई दुष्प्रभाव भी होते हैं।

नवरात्रि के दौरान देर तक सोने से बचना चाहिए और इस दौरान मांस और मदिरा का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि इससे देवी के क्रोध का सामना करना पड़ता है।

TOP

You cannot copy content of this page