गोविन्दानन्द ने फर्जी कागजात देकर बैंक को किया गुमराह, बैंक ने मांगी ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य से लिखित माफी

वाराणसी (काशीवार्ता)। गोविंदानंद सरस्वती स्वामी एक बहुरूपिया, धूर्त, ढोंगी व्यक्ति है। जो यह जानते हुए भी कि ब्रह्मलीन जगद्‌गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी का दंडी संन्यासी नहीं हैं, फर्जी दस्तावेजों को निर्मित करके अपने आधार पर स्वयं को उनका पुत्र बताकर दंडी संन्यासी शिष्य होने का दावा करता है।ये बातें आज विद्यामठ में राजेंद्र प्रसाद मिश्र, गिरीश तिवारी व दीपेंद्र सिंह रघुवंशी ने संयुक्त प्रेसवार्ता के दौरान कही।

कहा कि जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी महाराज द्वारा संचालित ज्योतिर्मठ बद्रीकाश्रम हिमालय न्यास के केनरा बैंक के खाते को 5 जून को फ्रीज करवा दिया था। बैंक खाते से संबंधित अति गोपनीय विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम से 5 जून को स्वामी गोविंदानन्द सरस्वती नामक फेसबुक हैन्डल से प्रचारित प्रसारित किया कि केनरा बैंक की चौक शाखा में ज्योर्तिमठ बदरिकाश्रम हिमालय के नाम से ‘ज्योर्तिमठ बदरिकाश्रम हिमालय न्यास का जगत्गुरु शंकराचार्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर बदरिकाश्रम हिमालय का जो खाता है उसे हिन्दू कानूनी अधिकार सरक्षण मंच के स्वामी गोविंदनंद सरस्वती के द्वारा 14 मई 2024 को की गई शिकायत के आधार पर 5 जून को फ्रीज कर दिया गया है।

बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक ने खाते को फ्रीज कर दिया और हस्ताक्षरित दस्तावेज मोहर के साथ स्वामी गोविंदनंद सरस्वती को सौंप दिया है। यही नहीं गोविंदानंद ने केनरा बैंक के पत्राचार को प्रस्तुत करते हुए बैंक ऑफ इण्डिया के सोनारपुर शाखा के शाखा प्रबंधक एवं उनके उच्च अधिकारियों को भी फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से दुष्प्रेरित करते हुए संचालित उनके एक अन्य ट्रस्ट ‘स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती न्यास’ के खाते को भी फ्रीज करवा दिया था। गोविंदानंद के इन आपराधिक कृत्यों को उजागर करते हुए शंकराचार्य ने सर्वोच्च न्यायालय के एओआर अंजनी कुमार मिश्र ने दिनांक 17 जून को कैनरा बैंक व बैंक ऑफ इण्डिया के सम्बंधित शाखा प्रबंधकों तथा उच्चाधिकारियों समेत जालसाज स्वामी गोविंदनंद सरस्वती को फर्जी संस्था ‘हिन्दू लीगल राइट प्रोटेक्शन फोरम’ जरिए अनुराग राणा को कानूनी नोटिस दिया।

वहीं नोटिस को पाने के बाद दोनों ही बैंकों ने गहन छानबीन के बाद यह स्वीकार करते हुए कि फेक संस्था द्वारा दिए गए पत्रों के कारण धोखाधड़ी की आशंका से उन्होंने खातों को फ्रीज किया गया था। जांचोपरांत सत्यता की जानकारी होने पर खातों को अनफ्रीज कर दिया है। इस दौरान स्वामी जी के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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