गोरखपुर। शारदीय नवरात्र और विजयादशमी पर्व के उपलक्ष्य में लगातार तीन दिन के आनुष्ठानिक कार्यक्रमों में व्यस्त रहने के बाद भी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार सुबह जन समस्याओं के निस्तारण को प्राथमिकता दी। गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान, उन्होंने लगभग 300 लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि किसी की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले और कमजोरों को उजाड़ने वाले लोगों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग किसी कारणवश सरकार की योजनाओं के लाभ से वंचित हैं, उन्हें इसका लाभ दिलाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार किसी के साथ अन्याय नहीं होने देने और हर नागरिक के जीवन में खुशहाली लाने के प्रति प्रतिबद्ध है।
गोरखनाथ मंदिर परिसर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के सामने कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक मुख्यमंत्री खुद पहुंचे और एक-एक करके सभी की समस्याएं सुनीं। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार हर पीड़ित की समस्या का समाधान करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इस दौरान, उन्होंने प्रार्थना पत्रों को संबंधित अधिकारियों को संदर्भित करते हुए त्वरित और संतोषजनक निस्तारण के निर्देश दिए।
जनता दर्शन के दौरान, कई लोग इलाज के लिए आर्थिक सहायता की गुहार लेकर आए थे। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार इलाज के लिए भरपूर मदद करेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इलाज से जुड़ी इस्टीमेट की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा कर शासन में उपलब्ध कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने राजस्व और पुलिस से जुड़े मामलों को पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ निपटाने के निर्देश दिए, यह सुनिश्चित करते हुए कि किसी के साथ भी नाइंसाफी न हो। उन्होंने कहा कि हर पीड़ित के साथ संवेदनशील व्यवहार अपनाते हुए उसकी मदद की जाए।
जनता दर्शन में कुछ महिलाएं अपने बच्चों के साथ आई थीं। मुख्यमंत्री ने इन बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित किया और उन्हें चॉकलेट गिफ्ट करते हुए प्यार और आशीर्वाद दिया।
इस प्रकार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न केवल लोगों की समस्याओं को सुना, बल्कि उन्हें हल करने की दिशा में ठोस कदम भी उठाए। यह उनके द्वारा नागरिकों के प्रति संवेदनशीलता और उनकी समस्याओं के प्रति गंभीरता का प्रतीक है। मुख्यमंत्री की यह पहल साबित करती है कि सरकार नागरिकों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए प्रतिबद्ध है।