गोरखपुर, 7 सितंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरखपुर पूर्वी उत्तर प्रदेश, सीमावर्ती बिहार और नेपाल के तीन करोड़ से अधिक लोगों के लिए महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में गोरखपुर तेजी से शिक्षा, स्वास्थ्य और निवेश का ड्रीम डेस्टिनेशन बन रहा है। यह बात उन्होंने शनिवार को सैनिक स्कूल गोरखपुर के लोकार्पण समारोह के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वागत में कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक स्कूल के माध्यम से पीढ़ियों के निर्माण का उद्देश्य पूरा हो रहा है। गोरखपुर की ऐतिहासिक और पौराणिक महत्ता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र महायोगी गुरु गोरखनाथ की साधना स्थली है और गीता प्रेस के माध्यम से सनातन साहित्य के प्रसार का केंद्र भी। स्वतंत्रता संग्राम में इस क्षेत्र ने शहीद बंधु सिंह और चौरीचौरा घटना के माध्यम से महत्वपूर्ण योगदान दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर विकास के नए आयामों से उत्तर प्रदेश की विशिष्ट पहचान बन गया है। जहां कभी बंद पड़ा खाद कारखाना आज फिर से कृषि उत्पादन को बढ़ाने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने का केंद्र बन गया है। एम्स और बीआरडी मेडिकल कॉलेज से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो रहा है। साथ ही, चीनी मिलों से किसानों को भी अप्रत्याशित लाभ मिल रहा है।
सैनिक स्कूल गोरखपुर के निर्माण पर उन्होंने कहा कि यह पूर्वी उत्तर प्रदेश का पहला सैनिक स्कूल है, जो तीन साल की अल्प अवधि में तैयार हुआ है। इस स्कूल में कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों के लिए आवासीय शिक्षा की व्यवस्था है। यह स्कूल भविष्य की पीढ़ियों को राष्ट्र निर्माण की दिशा में मार्गदर्शन करेगा।
मुख्यमंत्री ने स्कूल के ऑडिटोरियम का नाम देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखा और कारगिल शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के नाम पर मल्टीपरपज हॉल बनाया गया है। स्कूल में भारतीय संस्कृति और परंपरा को ध्यान में रखते हुए आधुनिक सुविधाओं से लैस प्रशासनिक भवन का निर्माण किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार नई पीढ़ी को उत्तम शिक्षा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से प्रदेश के 1 लाख 56 हजार से अधिक स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।