उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक बार फिर सुशासन की मिसाल पेश की है। सुशासन सप्ताह-2024 के दौरान प्रदेश ने 6,08,617 लोक शिकायतों का निस्तारण कर पूरे देश में पहला स्थान प्राप्त किया। इस उपलब्धि ने न केवल उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक क्षमता को प्रमाणित किया है, बल्कि जनसेवा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाया है। महाराष्ट्र और राजस्थान क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
लोक शिकायत निस्तारण में बना रिकॉर्ड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर 19 से 24 दिसंबर के बीच पूरे देश में सुशासन सप्ताह मनाया गया। उत्तर प्रदेश ने इस दौरान 6,08,617 लोक शिकायतों का निस्तारण किया, जो देश में सबसे अधिक है। इसके विपरीत, महाराष्ट्र ने 2,33,892 और राजस्थान ने 2,13,415 शिकायतों का समाधान कर क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया।
जन शिकायत निस्तारण के लिए वर्कशॉप का आयोजन
जनता की शिकायतों को प्रभावी ढंग से हल करने और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से, उत्तर प्रदेश में ब्लॉक, तहसील, जनपद और मुख्यालय स्तर पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। प्रदेश ने कुल 16,997 वर्कशॉप का आयोजन कर इस पहल में भी देश में शीर्ष स्थान हासिल किया। मध्य प्रदेश 13,128 वर्कशॉप के साथ दूसरे और राजस्थान 5,810 वर्कशॉप के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
जनसेवा के प्रति प्रतिबद्धता
सुशासन सप्ताह के तहत आयोजित इन कार्यशालाओं का उद्देश्य न केवल शिकायतों का समाधान करना था, बल्कि जनता और प्रशासन के बीच संवाद को मजबूत करना और पारदर्शिता सुनिश्चित करना था। यह पहल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी सोच और प्रशासनिक अधिकारियों की कड़ी मेहनत का परिणाम है।
देश को दिया ‘जनसेवा ही प्राथमिकता’ का संदेश
योगी सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि सुशासन केवल नीतियों और योजनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे धरातल पर लागू कर जनता के जीवन को सरल बनाना भी जरूरी है। इस उपलब्धि ने पूरे देश को यह संदेश दिया है कि जनसेवा को प्राथमिकता देकर ही सुशासन का वास्तविक उद्देश्य प्राप्त किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश की इस सफलता ने देशभर में उसकी प्रतिष्ठा को नई ऊंचाई दी है। योगी सरकार का यह प्रयास अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा स्रोत बन सकता है।