काशीवार्ता न्यूज़।दिल्ली-NCR में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से उड़नदस्ते तैनात किए हैं। हर साल अक्टूबर और नवंबर के महीनों में पराली जलाने से उत्पन्न धुएं के कारण दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों की वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो जाती है, जिससे ‘गैस चैंबर’ जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। इस बार इस समस्या से निपटने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं।
उड़नदस्ते विशेष रूप से उन क्षेत्रों में तैनात किए गए हैं जहां पराली जलाने की घटनाएं अधिक होती हैं। यह दस्ते स्थानीय स्तर पर राज्य और जिलों के अधिकारियों के साथ मिलकर काम करेंगे, ताकि पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ी नजर रखी जा सके। इन दस्तों को निर्देश दिया गया है कि वे पराली जलाने की हर घटना की रिपोर्ट तैयार करें और इसे वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को भेजें, जो वायु गुणवत्ता के स्तर पर नजर रखता है।
पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए इन दस्तों को 30 नवंबर तक सक्रिय रखा जाएगा। इस दौरान इनका उद्देश्य न केवल पराली जलाने की घटनाओं को रोकना है, बल्कि किसानों को वैकल्पिक तरीकों के बारे में जागरूक करना भी है, ताकि वे पराली को जलाने की बजाय अन्य उपायों का सहारा लें।
सरकार के इस प्रयास से उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष दिल्ली-NCR की वायु गुणवत्ता में सुधार होगा और लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।