G7 Summit : जॉर्जिया मेलोनी के न्योते पर इटली पहुंचे PM मोदी, कहा – अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना लक्ष्य

न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी का न्योता मिलने के बाद जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने इटली पहुंच गये हैं, जहां इस शिखर सम्मेलन के इतर वो फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ से अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकों में मुलाकात कर सकते हैं।

ये बैठकें इटली में जी7 आउटरीच शिखर सम्मेलन के दौरान होंगी। प्रधानमंत्री मोदी आज इटली के अपुलिया क्षेत्र में आयोजित जी7 आउटरीच शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जिसमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी भाग ले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी7 शिखर सम्मेलन के लिए नई दिल्ली से उड़ान भरते वक्त कहा, कि “मुझे खुशी है, कि लगातार तीसरे कार्यकाल में मेरी पहली यात्रा जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कि “मैं 2021 में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की अपनी यात्रा को गर्मजोशी से याद करता हूं। पिछले साल प्रधानमंत्री मेलोनी की भारत की दो यात्राएं हमारे द्विपक्षीय एजेंडे में गति और गहराई लाने में सहायक रहीं। हम भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और हिंद-प्रशांत और भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कि “आउटरीच सत्र में चर्चा के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन और आगामी जी-7 शिखर सम्मेलन के परिणामों के बीच ज्यादा तालमेल लाने और ग्लोबल साउथ के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का मौका होगा।”

दुनिया के सात सबसे शक्तिशाली लोकतांत्रिक देशों ने मिलकर जी-7 का गठन किया है, जिसकी हर साल बैठक होती है, जिसमें सातों देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होते हैं और आर्थिक मुद्दों पर बात करते हैं। भारत को हर साल बतौर अतिथि देश के तौर पर जी7 की बैठक में आमंत्रित किया जाता है, लेकिन अभी तक भारत इसका स्थायी सदस्य नहीं बन पाया है।

जी-7 में अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और ब्रिटेन शामिल हैं और इस बार जी-7 की मेजबानी इटली कर रहा है। जबकि पिछले साल इसकी मेजबानी जापान ने की थी और उससे पहले जर्मनी इसका होस्ट देश था। भारत इस संगठन का हिस्सा नहीं है, लेकिन पिछले कई सालों से बतौर मेहमान जी-7 में भाग लेता रहा है। पीएम मोदी से पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी जी-7 की बैठकों में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होते थे।

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