बड़ागांव(वाराणसी) काशीवार्ता। मदनपुर गांव निवासी शमशुद्दीन (70) अपने आंखों का उपचार फुलपुर बाजार स्थित एक नीजी चिकित्सालय में करा रहे थे। उपचार के दौरान उनकी दोनों आंखों की रोशनी चली गई। परिजनों जब इसकी शिकायत चिकित्सकों से की तो चिकित्सकों ने उन्हें जान गंवाने की धमकी देते हुए बेइज्जत कर भगा दिया।
आहत पिड़ित सहित परिजनों ने डीसीपी गोमती को प्रार्थना पत्र देकर न्याय दिलाने की मांग किया। डीसीपी मनीष शांडिल्य ने मुख्य चिकित्साधिकारी वाराणसी से मामले की जांच कराकर आख्या देने को कहा है। जानकारी के अनुसार, वृद्ध के आंखों में जलन और खुजली हो रही थी, जिसके उपचार के लिये वह फुलपुर में स्थित नीजी चिकित्सालय में गये। चिकित्सक डा. वीके विश्वकर्मा और डा. प्रखर चौधरी ने आंख चेक कर दवा डालने को दिया, जिसके उपरांत मरीज के आंख की रोशनी कम होने लगी।
वह पुनः चिकित्सालय गए और आंख की जांच कराया तो चिकित्सकों ने कहा दवा डालते रहो, एक सप्ताह में आंख की रोशनी वापस आ जायेगी और अंततः उसके आंखों की रोशनी चली गयी। परिजन जब उसे लेकर चिकित्सालय में पहुंचें तो चिकित्सकों ने धमकी देते हुए भगा दिया। इसके बाद परिजन पिड़ित को लेकर कई नेत्र चिकित्सकों में गए लेकिन सबने जवाब दे दिया।