सहायक अभियोजन अधिकारी से मांगी 35 लाख की रंगदारी

वाराणसी (काशीवार्ता)। किशोर न्यायालय जिसे नाबालिग अपराधियों का न्यायालय कहा जाता है। अपराध करने वाले बच्चों के साथ वयस्कों से अलग व्यवहार किया जाता है। किशोरों पर गंभीर अपराधों के लिए वयस्कों की तरह आरोप नहीं लगाया जा सकता है। जबकि अन्य देशों में हत्या या बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों पर वयस्क न्यायालय के अनुसार ही नाबालिगों पर भी मुकदमा चलाया जाता है। लेकिन हमारे देश में नाबालिग बच्चों के लिए ही किशोर न्यायालय बनाया गया है। जिसकी जांच सहायक अभियोजन अधिकारी के पद पर तैनात व्यक्ति द्वारा की जाती है। जांच अधिकारी के ऊपर ही जब आरोप लगता है तो मामला संदिग्ध हो जाता है।

ऐसा ही एक मामला प्रयागराज में सहायक अभियोजन पद पर तैनात रहे दीपक कुमार पर धारा 376 के तहत एक मामला दर्ज हुआ था। जांच के बाद मामला संदिग्ध पाए जाने पर पुलिस द्वारा एफआर लगाया गया। उच्च न्यायालय ने भी इस मामले में सहायक अभियोजन अधिकारी को क्लीन चिट दे दी थी। वहीं इस मामले में दुबारा 35 लाख रुपये की मांग किये जाने से मामले ने तूल पकड़ लिया। जिसको लेकर सहायक अभियोजन अधिकारी ने कैंट थाने में मामला पंजीकृत कराया है।

प्रयागराज के अशोक कुमार पाण्डेय व सहारनपुर की शालिनी शर्मा पर लगाया आरोप

मिली जानकारी के अनुसार सहायक अभियोजन अधिकारी दीपक कुमार ने फोन करने वाले व्यक्ति को पहले ही 10 लाख रुपए दिया उस दौरान भी एक लड़की ने फोन कर झूठे मुकदमे में फंसाने की बात कही थी। दुबारा एक बार फोन कर उन्हें धमकाया गया कि नौकरी से निकलवाने के साथ ही झूठे मुकदमे में फंसा दिया जाएगा नहीं तो 35 लाख रुपये दो।

सहायक अभियोजन अधिकारी दीपक कुमार की मानें तो उनके मोबाइल पर राधेश्याम तिवारी नामक व्यक्ति का फोन आया था। उसने धमकाते हुए 35 लाख रुपए की डिमांड की और न देने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी। दीपक कुमार ने कहा कि इसके पहले भी 10 लाख की मांग की गई थी, जिसे बैंक से लोन लेकर दिया था। दीपक कुमार ने कैंट थाने में नामजद मुकदमा दर्ज कराया है। जिसमें उन्होंने प्रयागराज के अलकापुरी कालोनी अशोक नगर के रहने वाले अशोक कुमार पाण्डेय व सहारनपुर के जनक नगर की शालिनी शर्मा जो कि शातिर किस्म दिमाग के हैं, और न्यायालय को भ्रमित कर फर्जी मुकदमा दर्ज करवाकर लोगों से धनउगाही करते हैं।

मामला सही मिलने पर आरोपियों पर होगी कड़ी कार्रवाई

कैंट थानाप्रभारी ने बताया कि 4 जुलाई को रंगदारी मांगे जाने, नौकरी से निकलवाने व फर्जी मामले में फंसाने की सूचना दर्ज कराई गई है। मामले को दर्ज कर जांच कराई जा रही है। जांच के पश्चात ही मामले में कुछ कहा जा सकता है। यदि रंगदारी का मामला सही निकला तो आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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