Gaza के ‘सुरक्षित क्षेत्र’ में भी लोगों के जीवन पर खतरा, भोजन की किल्लत व इजराइली हमले का भी सता रहा डर

न्यूज़ डेस्क। गाजा में इजराइल द्वारा घोषित किए गए ‘सुरक्षित क्षेत्र’ में भी लोगों का जीवन खतरे में है जहां भोजन की किल्लत है और लोग इजराइली हमलों के डर में जी रहे हैं। बुधवार को खान यूनिस के एक प्रमुख अस्पताल के पास एक रिहायशी इमारत पर इजराइल की ओर से किया गया हमला इसका ताजा उदहारण है। गाजा के खान यूनिस शहर के पश्चिमी हिस्से में स्थित नासेर अस्पताल के पास किए गए हवाई हमले में सात लोग घायल हो गए। इजरायल की सेना द्वारा उपलब्ध कराए गए मानचित्र के अनुसार यह शहर ‘सुरक्षित क्षेत्र’ घोषित किया गया है और फलस्तीनियों को इस क्षेत्र में शरण लेने को कहा गया है।

संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार इस सप्ताह की शुरुआत में इजराइल की ओर से दिए गए निकासी आदेश का असर लगभग ढाई लाख फलस्तीनियों पर पड़ा है। नासेर अस्पताल के पास हुए हमले हवाई हमले के बाद के दृश्य का वीडियो एसोसिएटड प्रेस के एक संवाददाता द्वारा बनाया गया, जिसमें चारों तरफ धूल उड़ती दिख रही है और लोग इधर-उधर भाग रहे हैं। साथ ही दो युवक एक व्यक्ति को ले जा रहे हैं जो संभवत: इस हमले में घायल हुआ है। सोमवार को खान यूनिस के पूर्वी हिस्से से विस्थापित हुए परिवारों को सिर छिपाने के लिए जगह ढूंढ़ने के वास्ते एक और जंग लड़नी पड़ रही है।

ऐसे लोग पश्चिमी हिस्सों में बने आश्रय स्थलों में भीड़भाड़ के बीच और खुले क्षेत्र में अपना ठिकाना ढूंढ़ रहे हैं। गाजा के दक्षिण में रफह शहर से विस्थापित होकर आए जलाल लफी ने बताया, ‘‘हम तीन लोग तंबू में बैठे थे कि तभी धूल का गुबार देखकर सभी डर गये। अचानक घरों पर बमबारी शुरू हो गई, एक के बाद एक, दो मिसाइलों से हमला किया गया।’’

फलस्तीन के एक प्रमुख चिकित्सक सैन्य आदेश को मानते हुए अपने घर को छोड़कर अपने परिवार के साथ इजराइल द्वारा घोषित ‘सुरक्षित क्षेत्र’ में चले गये थे लेकिन मंगलवार को इजराइल के हमले में चिकित्सक और उनके परिवार के आठ सदस्यों की मौत हो गई। फलस्तीनी क्षेत्रों के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवीय कार्यालय के प्रमुख एंड्रिया डी डोमेनिको ने कहा कि अधिकतर फलस्तीनी या तो तटीय क्षेत्र मुवासी या पास के शहर देर अल-बला की ओर जा रहे हैं। मुवासी शहर में हर तरफ विशाल तंबू शिविर ही नजर आएंगे, हालांकि इनमें बुनियादी सुविधाएं न के बराबर हैं। उन्होंने कहा कि इन दोनों क्षेत्रों में भोजन पहुंचाना भी ‘‘एक बड़ी चुनौती’’ है। ऐसे में लोगों के सामने भोजन की भी समस्या है।

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