न्यूज़ डेस्क। चुनाव में मतदान के बाद अब चुनाव आयोग ने मतगणना के लिए पूरी तैयारी कर ली है। चुनाव आयोज ने चुनाव संबंधी हिंसा को लेकर सुर्खियों में आए दो राज्यों में में मतगणनाके दौरान और उसके बाद सुरक्षा व्यवस्था के भारी इंतजाम किए है। मंगलवार को होने वाली मतगणना के बाद आगामी 15 दिनों तक आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में केंद्रीय बल तैनात रहेंगे। उत्तर प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश को मतगणना के बाद दो दिनों के लिए सुरक्षा बल उपलब्ध कराये गये हैं।
आयोग के सूत्रों ने का कहना है कि चुनाव के बाद की हिंसा पर चुनाव आयोग सख्त रुख अपनाएगा। सैनिकों का प्रावधान राज्यों और केंद्रीय पर्यवेक्षकों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकलन के आधार पर किया गया है। आयोग का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब सात चरणों में होने वाला चुनाव शनिवार की शाम को समाप्त हो गया। इस दौरान भी बंगाल में हिंसा की खबरें सुर्खियों में रहीं हैं।
दक्षिण 24 परगना जिले में गुस्साई भीड़ ने मतदान केंद्रों में जबरन घुसकर एक ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) जब्त कर ली और कुछ मतदान एजेंटों को मतदान केंद्रों में प्रवेश करने से कथित तौर पर रोके जाने के बाद उसे पास के तालाब में फेंक दिया। कोलकाता से लेकर जादवपुर निर्वाचन क्षेत्र के भावनगर के पतुलिया क्षेत्र तक झड़पों की खबरें सामने आई है। इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) और सीपीआई (एम) के बीच झड़प में कई लोग घायल हो गए। बशीरहाट लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत संदेशखली में भी हिंसा की घटनाएं हुईं थी। ये स्थानीय तृणमूल नेता के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों के बाद इस चुनाव में भाजपा के लिए एक मुद्दा रहा। टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के गढ़ डायमंड हार्बर में टीएमसी और भाजपा समर्थकों के बीच झड़प की घटना सामने आई।
आंध्र प्रदेश में मई में दूसरे चरण के मतदान के दौरान चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी और सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें सुर्खियों में रहीं। एग्जिट पोल में दोनों राज्यों में भाजपा और एनडीए को बढ़त मिलने की भविष्यवाणी के बाद, शांति बनाए रखना मुश्किल हो सकता है।