प्रोबेशन काल में डीपीआरओ ने उड़ा दिया मनमानी का धुआं, प्रत्येक योजना में जमकर किया खेल, अन्तेष्टि स्थल उद्दाहरण

तीन वर्ष की सेवा पूरी होने पर ही नौकरी मानी जाती है पक्की

तीन वर्ष पूरे नहीं हुए, हर योजना में काटी जमकर मलाई

पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश ने कार्रवाई का दिया है भरोसा

गाजीपुर। डीपीआरओ अंशुल मौर्या ने पंचायती राज विभाग की विभिन्न योजनाओं में प्रोबेशन काल के दौरान ही जमकर खेल किया। उन्हें इसका भी भय नहीं हुआ कि तीन वर्ष से पहले अगर किसी मामले में दोषी पाए जाते हैं तो सीधे सेवा से बाहर कर दिया जाएगा। मगर डीपीआरओ ने प्रोबेशन काल को मजाक में लिया और विभिन्न योजनाओं में खेल पर खेल किया। ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सचिवों की आत्मा जानती होगी कि अन्तेष्टि स्थल के निर्माण में किस तरह से कमीशन के लिए डीपीआरओ कार्यालय के कोआर्डिनेटरों ने प्रधानों पर दबाव बनाए थे। इस पूरे मामले में पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने बड़ी कार्रवाई की बात कही है।
वाराणसी मंडल के गाजीपुर जनपद में 1238 ग्राम पंचायतों के संचालन के लिए डीपीआरओ की तैनाती हुई है। मौजूदा डीपीआरओ अंशुल मौर्या को शासन से 10 अगस्त 2022 को गाजीपुर में तैनाती मिली। यह उनकी सेवा काल की पहली तैनाती थी। यानि 10 अगस्त को उन्होंने अपने जीवन में पंचायती राज विभाग में नौकरी करनी शुरू किया। शासनादेश है कि कोई भी सरकारी अधिकारी कर्मचारी तीन वर्ष तक प्रोबेशन काल में रहेगा। इस दौरान अगर किसी गबन या घोटाले में फंसता है तो उसकी नौकरी पर खतरा हमेशा बना रहेगा और जीवन भर उसे प्रमोशन नहीं मिलेगा। मगर मौजूदा डीपीआरओ ने तीन वर्ष के प्रोबेशन काल का भी इंतजार नहीं किया और खेल पर खेल करते गए। ग्राम पंचायत सचिवों के स्थानांतरण से लेकर सफाई कर्मियों के स्थानांतरण में हुई गड़बड़ी का धुंआ अब लखनऊ तक फैल चुका है। जिससे पंचायती राज विभाग के निदेशालय में तैनात अधिकारियों की सांसें फुल रही हैं। वजह साफ है कि गाजीपुर जनपद पंचायती राज मंत्री का इलाका है। वह गाजीपुर के जहूराबाद विधानसभा से विधायक हैं और योगी सरकार में पंचायती राज मंत्री है। ऐसे में पंचायती राज मंत्री के जिले में डीपीआरओ और स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना से तैनात किए गए जिला समन्वयक सौरभ विप्लव, अभय गुप्ता और श्रीकांत पांडेय से मिलकर विभिन्न योजनाओं के संचालन में चल रही गड़बड़ी से सरकार की छवि धूमिल की जा रही है। इसको लेकर प्रधानों के साथ साथ ग्राम पंचायत अधिकारियों और सफाईकर्मियों में काफी आक्रोश है। जल्द ही कर्मचारियों का समूह डीपीआरओ के खिलाफ मोर्चा खोलेगा।

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