डीडीयू : सीएमएस के खिलाफ चिकित्सकों ने खोला मोर्चा सामूहिक इस्तीफे की दी धमकी

मरीजों व तीमारदारों के सामने दुर्व्यवहार का लगाया आरोप

वाराणसी। पं.दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ ने तीन दिन में सीएमएस डॉ. दिग्विजय सिंह को हटाने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सीएमएस को नहीं हटाया गया, तो वे सामूहिक त्यागपत्र देंगे। इस संबंध में जिलाधिकारी, अपर निदेशक स्वास्थ्य, और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को एक मांग पत्र सौंपा है, जिसमें 40 चिकित्सकों सहित 20 से अधिक पैरामेडिकल कर्मियों ने हस्ताक्षर किये हैं। इस तरह का पहला मौका है जब अस्पताल के कर्मचारियों ने सीएमएस के खिलाफ एक साथ मोर्चा खोलते हुए इस्तीफे की धमकी दी है। मांग पत्र में सीएमएस पर आरोप लगाए गया है कि वे जबरन कारण बताओ नोटिस जारी करते हैं, मनमाने तरीके से ड्यूटी लगाते हैं, कागज पर डॉक्टरों को नोडल बनाकर स्वयं ही कार्य करते हैं, और मरीजों व तीमारदारों के सामने चिकित्सकों से दुर्व्यवहार करते हैं।

प्रान्तीय चिकित्सा सेवा संघ के सचिव ने स्वास्थ्य मंत्री को भेजा पत्र

डीडीयू अस्पताल के मुख्य चिकित्साधीक्षक के तानाशाही रवैये और अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ गंदे व्यवहार के खिलाफ प्रान्तीय चिकित्सा सेवा संघ के सचिव डॉ. राजेश्वर नारायण सिंह ने उप मुख्यमंत्री एवं चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य, और महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य को इस संबंध में पत्र भेजा है। पत्र में स्पष्ट किया है कि चिकित्सकों एवं कमचारियों की ड्यूटी अनियमित तरीके से लगाये जाने से मरीजों को भी परेशानी हो रही है। आये दिन 24 घंटे तक चिकित्सालय में रहना पड़ रहा है। चिकित्सकों को कागज पर नोडल बनाकर सारे काम स्वयं करते हैं।गलती या अनहोनी होने पर सम्बन्धित नोडल अधिकारी और चिकित्सक को फंसाने का कुत्सित प्रयास करते हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों को अनुलब्धता के बावजूद उससे सम्बन्धित मरीज को भर्ती कर ईलाज करने का दबाव चिकित्सकों पर बनाया जाता है और रोगी के साथ अप्रिय घटना होने पर रोगी के परिजन एवं मुख्य चिकत्साधीक्षक स्वय सम्बन्धित चिकित्साक के खिलाफ शासकीय कार्यवाही का दबाव बनाते हैं।

बाहर की दवा पर रोक लगाना चिकित्सकों को लग रहा नागवार-सीएमएस

सीएमएस डॉ.दिग्विजय सिंह ने कहा कि बाहर की दवा लिखने पर रोक लगाना चिकित्सकों को नागवार लग रहा है। विगत दिनों ओपीडी में कुछ बाहरी लोगों को बाहर की दवा लिखते हुए पकड़ा था। इसलिए लोग लामबद्ध होकर मेरा विरोध कर रहे हैं। लिपिकों के ऊपर पैसा मांगने का आरोप लगाया गया है लेकिन अभी तक किसी ने कोई लिखित या मौखिक शिकायत नहीं की गई है। सादे कागज पर कर्मचारियों से हस्ताक्षर करा कर उसपर कुछ भी लिख कर दे देना उचित नहीं है।

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