लखनऊ, 9 नवंबर – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोमती रिवर फ्रंट पार्क में आयोजित गोमती पुस्तक महोत्सव का उद्घाटन किया। यह महोत्सव नेशनल बुक ट्रस्ट और लखनऊ विकास प्राधिकरण के संयुक्त प्रयास से आयोजित किया जा रहा है और 9 से 17 नवंबर तक चलेगा। मुख्यमंत्री ने बच्चों को पाठ्यक्रम के साथ-साथ रचनात्मक और ज्ञानवर्धक पुस्तकों को पढ़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने सभी बच्चों से अनुरोध किया कि वे मेले से एक-एक पुस्तक अवश्य खरीदें, जिससे उनमें पढ़ने की आदत विकसित हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के युवा अपने 24 घंटों में से लगभग 6 घंटे स्मार्टफोन या अन्य डिजिटल डिवाइस पर बिताते हैं। यदि इस समय का सदुपयोग पुस्तकों और अन्य रचनात्मक कार्यों में किया जाए तो यह समाज और युवाओं के लिए लाभकारी होगा। उन्होंने टेक्नोलॉजी का गुलाम बनने के बजाय उसका संयमित उपयोग करने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि नैमिषारण्य जैसे पवित्र स्थलों पर ऋषियों ने ज्ञान को संरक्षित किया था। उन्होंने महर्षि वाल्मीकि और तुलसीदास जैसे महान कवियों का उल्लेख करते हुए भारतीय ज्ञान की श्रुति परंपरा को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता बताई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुस्तकें हमारी सोच को विस्तार देती हैं और समाज के प्रति जागरूक बनाती हैं। उन्होंने नेशनल बुक ट्रस्ट की पहल की सराहना की और सुझाव दिया कि उत्तर प्रदेश के सभी 18 मंडलों में पुस्तक मेलों का आयोजन होना चाहिए। इससे समाज के सभी वर्गों में पुस्तकों के प्रति रुचि बढ़ेगी। उन्होंने डिजिटल डिवाइस पर बिताए जाने वाले समय को कम करने और पुस्तकों पर ध्यान देने की अपील की।
इस अवसर पर नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रोफेसर मिलन मराठी, डायरेक्टर कर्नल युवराज मलिक, प्रदेश सरकार के सलाहकार अवनीश अवस्थी, मंडलायुक्त रौशन जैकब समेत विभिन्न लेखक, समाज के सुधिजन और पुस्तक प्रेमी उपस्थित रहे।