लखनऊ, 3 दिसंबर:
विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में आयोजित राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए दिव्यांगजनों की प्रतिभा और क्षमता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “दिव्यांग” शब्द देकर इनकी गरिमा और आत्मविश्वास को बढ़ाया है। सीएम ने ऋषि अष्टावक्र, महाकवि सूरदास, स्टीफन हॉकिंग और स्वामी रामभद्राचार्य जैसे व्यक्तित्वों के उदाहरण देते हुए कहा कि अवसर मिलने पर दिव्यांगजन अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए समाज को नई दिशा देने में सक्षम रहे हैं।
दिव्यांग विद्यार्थियों और लोगों को पुरस्कार एवं सहायक उपकरण वितरित
मुख्यमंत्री ने 19 व्यक्तियों को राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किए और हाईस्कूल-इंटरमीडिएट में उत्तीर्ण दिव्यांग विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया। उन्होंने दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण और विद्यार्थियों को टैबलेट वितरित किए। उन्होंने कहा कि सरकार दिव्यांगजनों और पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चला रही है और उनके जीवन को स्वावलंबी बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
दिव्यांगों के लिए बढ़ाए जा रहे शिक्षण संस्थान
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में दो दिव्यांग विश्वविद्यालय (लखनऊ में डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय और चित्रकूट में जगद्गुरु रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय) संचालित हैं। दृष्टिबाधित और मूकबधिर बच्चों के लिए भी कॉलेज संचालित हैं, लेकिन इनकी संख्या बढ़ाने और शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है।
पेंशन में बढ़ोतरी और योजनाओं का लाभ
सीएम योगी ने बताया कि 2017 में केवल 7-8 लाख दिव्यांगजन 300 रुपये मासिक पेंशन पाते थे, जिसे बढ़ाकर 1,000 रुपये किया गया है। अब 11 लाख दिव्यांगजन 12,000 रुपये वार्षिक पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। इसके अलावा, कुष्ठावस्था पीड़ित परिवारों को 3,000 रुपये मासिक पेंशन, पीएम/सीएम आवास योजना का लाभ, और शादी-विवाह में आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
आधुनिक चिकित्सा और तकनीकी मदद
सरकार ने कृत्रिम अंग और कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी के लिए छह लाख रुपये तक की सहायता दी है। इस वर्ष 24 सर्जरी संपन्न हुई हैं। मेरठ, बरेली और गोरखपुर में मानसिक मंदित आश्रय गृह सह प्रशिक्षण केंद्र संचालित हैं।
स्वावलंबन और प्रेरणा के उदाहरण
कानपुर देहात के रामचंद्र गुप्ता का उदाहरण देते हुए सीएम ने कहा कि दिव्यांग होने के बावजूद वे स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता का प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने पेरिस पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन की भी सराहना की।
पिछड़ा वर्ग कल्याण में सुधार
सीएम ने बताया कि पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का बजट 2016-17 में 1,295 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़ाकर 2,800 करोड़ रुपये कर दिया गया है। दशमोत्तर छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए 2,070 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे 19.80 लाख विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं।
इस अवसर पर राज्यमंत्री नरेंद्र कश्यप, संजीव गोंड, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।