घंटे का पैसा ले रहे हैं
बर्बाद हो रही युवा पीढ़ी, अधिक फायदे के लिए उड़ाई जा रहीं नियमों की धज्जियां
होटल रंजीत में बाहर से बंद था दरवाजा, अंदर मिले युवक-युवतियां
हुक्का बार की हो गई भरमार
वाराणसी काशी वैसे तो आध्यात्मिक नगरी के रूप में जानी जाती है, लेकिन कुछ लोग इसे बदनाम करने पर तुले हैं। ऐसे लोग यहां की युवा पीढ़ी को बर्बाद कर ही रहे हैं साथ ही काशी की छवि पर भी बट्टा लगा रहे। इसमें सबसे बड़ा योगदान यदि किसी का है तो वो हैं स्थानीय होटल, गेस्ट हाउस और इन दिनों चलन में आये हुक्का बार। इसके संचालक एक तरफ मोटी कमाई कर रहे है तो दूसरी तरफ का जून की धज्जियां उड़ा रहे है। वाराणसी कमिश्नरेट के गोमती, वरणा और काशी जोन के कई थाना क्षेत्रों में सेक्स रैकेट तेजी से पांव पसार रहा है। इसका संजाल कुछ इस तरह फैल रहा है जैसे पानी में शैवाल। बात करें बनारस के पश्चिमी छोर बाबतपुर की या दक्षिणी छोर लंका की, हर जगह एक जैसे हालात हैं। पुलिस महकमे से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इन होटलों और गेस्ट हाउसों में घंटे के हिसाब से पैसे लिए जाते हैं। मजे की बात है कि बिना आईडी चेक किए यहां बड़ी आसानी से कमरा मिल जाता है। मगर, सिर्फ कपल एंट्री है। अब आप ही बताइए क्या कोई पर्यटक एक या दो घंटे के लिए होटल का कमरा लेगा। बताया जाता है कि इसके शिकार ज्यादातर युवा हो रहे है। सोचने वाली बात है कि सब कुछ जानते हुए अक्सर पुलिस खामोश रहती है।
अभी हाल ही में मलदहिया स्थित होटल रंजीत एंड रेस्टोरेंट में सेक्स रैकेट का बड़ा मामला प्रकाश में आया, जो काफी समय से चल रहा था। इसके संचालन की सूचना जब एडीसीपी काशी नीतू कात्यान को हुई तो उन्होंने सिगरा और चेतगंज थाने की फोर्स के साथ छापा मारा। होटल में छह युवक और 10 युवतियां पकडी गई। हालांकि, इस बीच होटल प्रबंधक और कर्मचारी भाग गए। वैसे होटल सील कर दिया गया है। जबकि, युवतियों की काउंसिलिंग कर उन्हें उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया, युवक हिरासत में हैं। मालूम हो कि ये होटल एक भाजपा नेता के रिश्तेदार का है।
शहर में पिछले कुछ वर्षों में हुक्का बार की बाढ़ आ गई है। अभी तक यह
महानगरों तक सीमित था। चिंता इस बात की है कि इसकी जद में युवा ही आ रहे हैं। बड़े होटलों में जहां यह शौक महंगा है वहीं अब छोटे-छोटे रेस्टोरेंट में यह आसानी से उपलब्ध हो जा रहा है। जिसका लाभ नशे के कारोबारी जमकर उठा रहे हैं। अमूमन बड़े होटलों में छह से सात सौ रुपये तक का हुक्का उपलब्ध है तो छोटे रेस्टोरेंट में इनका दाम आधा हो जाता है। सबसे भयावह स्थिति सिगरा क्षेत्र की है। जहां करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा हुक्का बार है।