काशी के अधिकांश होटलों में हो रही गन्दी बात

बर्बाद हो रही युवा पीढ़ी,अधिक फायदे के लिए नियमो की उड़ाई जा रही धज्जियां

वाराणसी(काशीवार्ता)विनय पाण्डेय।काशी, जिसे वाराणसी के नाम से भी जाना जाता है, भारत की सबसे प्राचीन और आध्यात्मिक नगरी मानी जाती है। यह नगर अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए विश्व प्रसिद्ध है। हालांकि, हाल के वर्षों में काशी की छवि धूमिल होती दिखाई दे रही है। इसका मुख्य कारण यहां तेजी से बढ़ते हुक्का बार और होटल-गेस्ट हाउस के माध्यम से संचालित हो रहे सेक्स रैकेट हैं।

हुक्का बारों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि

पिछले कुछ वर्षों में वाराणसी में हुक्का बारों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है। पहले यह चलन केवल महानगरों तक सीमित था, लेकिन अब यह वाराणसी जैसे छोटे शहरों में भी पैर पसार चुका है। हुक्का बारों की बढ़ती संख्या का सबसे अधिक प्रभाव यहां की युवा पीढ़ी पर पड़ रहा है। बड़े होटलों में हुक्का का दाम ऊँचा होने के कारण छोटे रेस्टोरेंट और कैफे में यह काफी सस्ते में उपलब्ध हो जाता है, जिससे युवा वर्ग आसानी से इसकी गिरफ्त में आ जाते हैं। खासतौर पर सिगरा क्षेत्र में डेढ़ दर्जन से अधिक हुक्का बारों की मौजूदगी चिंता का विषय है।

शहर के कई होटलों में चल रहे सेक्स रैकेट

इसके साथ ही, शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में चल रहे सेक्स रैकेट ने भी प्रशासन और समाज के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। स्थानीय होटलों और गेस्ट हाउस में बिना उचित पहचान पत्र के कपल्स को कमरा किराए पर दे दिया जाता है, जिससे यह धंधा फल-फूल रहा है। पुलिस प्रशासन की उदासीनता और कई बार मिलीभगत के कारण ऐसे गैरकानूनी गतिविधियाँ पनप रही हैं।

इन समस्याओं का समाधान प्रशासनिक सख्ती और समाजिक जागरूकता के माध्यम से किया जा सकता है। पुलिस को चाहिए कि वह हुक्का बार और होटलों की नियमित जांच करे और गैरकानूनी गतिविधियों पर कठोर कार्रवाई करे। साथ ही, समाज के जागरूक नागरिकों को भी आगे आकर इन समस्याओं के प्रति सचेत रहना होगा, ताकि काशी की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक छवि को बरकरार रखा जा सके।

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