वाराणसी(काशीवार्ता)। उद्योगपति दीनानाथ झुनझुनवाला का विवादों से गहरा लगाव रहा है। गुजरे समय में झुनझुनवाला की आशापुर में चलने वाली फैक्ट्री बंद कराने के लिए लोगों को रोड पर उतरना पड़ा था। लोगों का कहना था की फैक्ट्री की वजह से प्रदूषण फैल रहा है। पूर्व प्रधान नागेश्वर मिश्र ने जनता के साथ मिलकर फैक्ट्री बंद कराने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी।
मामला कोर्ट तक पहुंचा। नागेश्वर के पीछे न हटने पर झुनझुनवाला को अंततः आशापुर की फैक्ट्री बंद करनी पड़ी। सूत्रों से पता चला है कि दीनानाथ झुनझुनवाला के एक रिश्तेदार का घर सारनाथ में है। सारनाथ में ही इस रिश्तेदार ने अपना दफ्तर खोल रखा है। आशापुर के साथ बिहार के रोहतास और यूपी के नाऊपुर (जौनपुर) में झुनझुनवाला ने फैक्ट्री खोल कर रुपये बनाने का जो खेल शुरू किया उससे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी परेशान हो गए।
नागेश्वर मिश्रा बताते हैं कि हर साल इन फैक्ट्रियों में आग लगने की फर्जी कहानी गढ़कर बीमा के रुपये हड़पे जाते थे। इस हेर-फेर में कुछ बैंक वालों ने भी दीनानाथ झुनझुनवाला का साथ दिया। सूत्रों की बात पर विश्वास करें तो बैंक वालों की मिलीभगत से ही देखते ही देखते दीनानाथ झुनझुनवाला ने 3200 करोड़ से ऊपर रुपयों को लिक्विड में कन्वर्ट कर पंजाब के चंडीगढ़ और बिहार में इन्वेस्ट किया। चंडीगढ़ में दीनानाथ झुनझुनवाला का काम उनका एक रिश्तेदार देखता है। बिहार में रुपयों का हिसाब-किताब भी उनकी एक रिश्तेदार रखती है।
जेवीएल ऑयल कंपनी के मालिक दीनानाथ झुनझुनवाला की फैक्ट्रियों पर पिछले पांच साल से ताला जड़ा है। वहीं कुछ कंपनी सात-आठ साल से पूरी तरह से बंद हैं। पूर्वांचल में अरबों का कारोबार करने वाली इन कंपनियों की साख पर बट्टा लग चुका है। झुनझुनवाला ने बड़े उद्योगपति बनने के लिए बैंकों से बड़े लोन लिए, बड़े अमाउंट को कारोबार में लगाया, लेकिन बैंकों को लोन वापस नहीं लौटाया। सीबीआई ने देश के बैंक डिफाल्टर की सूची बनाई, जिसमें झुनझुनवाला का भी नाम था। 2012-13 में एक टीम पहुंची और जांच के बाद सभी बैंक खाते सीज कर दिए।
इसके अलावा 2013 में आयकर विभाग ने छापेमारी की थी। यह छापेमारी बैंकों से लगभग 7 हजार करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में दर्ज 35 मुकदमों को लेकर की थी। हालांकि, इससे पहले भी केंद्रीय और प्रदेश की एजेंसियों ने कार्रवाई की, लेकिन जेवीएल ग्रुप पर यह बड़ी चोट थी। इसके बाद एक-एक करके सभी फैक्ट्रियों पर ताले लग गए।