आई आई ए के औद्योगिक प्रदर्शनी में विदेश से भी आयेगा प्रतिनिधि मंडल

नई दिल्ली के भारत मंडपम में 19 से 21 मार्च तक होगा आयोजन,एक्सपो में स्टाल लगाने पर सूक्ष्म लघु उद्योगों को मिलेगी सब्सिडी-आर के चौधरी

वाराणसी(काशीवार्ता)। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन वाराणसी के कार्यकारिणी की एक बैठक आज सुबह मलदहिया स्थित
विनायक प्लाजा के कॉन्फ्रेंस हॉल में हुई।जिसमे में 19 से 21 मार्च तक भारत मंडपम हॉल नंबर 6, नई दिल्ली में इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा आयोजित औद्योगिक प्रदर्शनी बिल्ड भारत एक्सपो 2025 पर चर्चा की गई। अध्यक्षता करते हुए आई आई ए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आर के चौधरी ने बताया, दिल्ली में होने वाले बिल्ड भारत एक्सपो को प्रदेश और केंद्र सरकार की स्वीकृति मिल चुकी है। इससे अब सूक्ष्म और लघु उद्यमियों को स्टाल के किराए से लेकर माल लाने, ले जाने के भाड़े तक में राहत मिलेगी। साथ ही प्रदर्शनी में भाग लेने वाले उद्यमियों को 60 से 100 प्रतिशत तक की राशि वापस मिल जाएगी।

उन्होंने बताया कि 19 से 21 मार्च तक लगभग 350 स्टालों पर औद्योगिक उत्पादों व अन्य क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की जाएगी, जिसमें मुख्य रूप से ग्रीन एंड क्लीन एनर्जी, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, बिल्डिंग और कंस्ट्रक्शन मैटेरियल इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं। यह एक्सपो भारतीय एमएसएमई व वैश्विक प्रतिभागियों के लिए एक बेहतरीन नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म बनेगा।एक्सपो में नए उत्पादों, प्रौद्योगिकियों तथा सेवाओं को भी लॉन्च किया जाएगा, जो भारत की औद्योगिक और तकनीकी प्रगति को रेखांकित करेगा।

आई आई ए के राष्ट्रीय सचिव राजेश भाटिया ने बताया एक्सपो एमएसएमई मंत्रालय भारत सरकार द्वारा समर्थित प्रदर्शनी है।
इसे ओडीओपी और एमडीए योजनाओं के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ,खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार और यूपी नेडा आदि से भी समर्थन प्राप्त है। इस एक्सपो में असम सरकार सहित अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के उद्यमी भी भाग लेंगे। दीपक बजाज ने बताया इस प्रदर्शनी में उद्योग विकास, नवाचार, स्थिरता और प्रौद्योगिकी अपनाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए सेमिनार, पैनल चर्चा तथा बी टू बी इंटरेक्शन आयोजित किए जाएंगे। फ़िलहाल, 50% से अधिक स्टॉल बुक हो गए है। बैठक में अनुपम देवा ने बताया, एक्सपो में जापान, रूस, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, थाईलैंड और मलेशिया सहित 25 से अधिक देशों के प्रतिनिधि मंडल आ रहे है।

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