वाराणसी, 7 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शारदीय नवरात्रि की पंचमी तिथि के अवसर पर वाराणसी का दौरा किया और शक्ति तथा शिव की विधिवत आराधना की। अपनी इस यात्रा के दौरान उन्होंने प्रमुख धार्मिक स्थलों पर दर्शन-पूजन किया और उत्तर प्रदेश के सुख, शांति, और समृद्धि के लिए प्रार्थना की।
मुख्यमंत्री योगी सबसे पहले भारत सेवाश्रम संघ पहुंचे, जहां उन्होंने मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की। इसके बाद उन्होंने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मत्था टेककर विधिवत पूजा संपन्न की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बाबा विश्वनाथ के चरणों में उत्तर प्रदेश की खुशहाली के लिए प्रार्थना की। काशी के प्रमुख देवता काल भैरव के मंदिर में भी उन्होंने हाजिरी लगाई और विधिपूर्वक पूजा की। काशी कोतवाल के रूप में विख्यात बाबा काल भैरव की आराधना कर योगी आदित्यनाथ ने राज्य के लोगों के कल्याण की कामना की।
विशालाक्षी मंदिर में दर्शन
योगी आदित्यनाथ ने काशी यात्रा के दौरान विशालाक्षी मंदिर में भी दर्शन किए। यहाँ उन्होंने मां विशालाक्षी से उत्तर प्रदेश के लोगों के सुख और समृद्धि के लिए प्रार्थना की। काशी में स्थित इस शक्तिपीठ का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत विशेष है, और मुख्यमंत्री की इस यात्रा ने वहां के भक्तों में भी उत्साह का संचार किया।
विकास योजनाओं की समीक्षा और निरीक्षण
मुख्यमंत्री ने अपनी धार्मिक यात्रा के साथ ही काशी में चल रही विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक की और स्थलीय निरीक्षण भी किया। यह दौरा विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी वाराणसी यात्रा की तैयारी के संदर्भ में था, जिसमें कई विकास योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने सुनिश्चित किया कि प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए सभी व्यवस्थाएं समय से पूरी हो जाएं।
सुखी और समृद्ध उत्तर प्रदेश की कामना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो गोरक्षपीठाधीश्वर भी हैं, ने काशी विश्वनाथ मंदिर में षोडशोपचार विधि से बाबा का पूजन किया। उन्होंने बाबा के गर्भगृह में विशेष पूजन कर राज्य की शांति, समृद्धि और लोगों के कल्याण के लिए प्रार्थना की। काशी की इस धार्मिक यात्रा में शक्ति और शिव दोनों की आराधना करते हुए मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश की जनता के लिए सुख, शांति और उन्नति की कामना की।
मुख्यमंत्री की इस यात्रा के दौरान उनका विशेष जोर धार्मिक स्थलों की पूजा-अर्चना के साथ ही विकास योजनाओं की समीक्षा पर भी रहा, जिससे यह यात्रा धार्मिक और प्रशासनिक दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण साबित हुई।