गोरखपुर, 11 अक्टूबर। गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में नौ दुर्गा स्वरूपा कुंवारी कन्याओं का पूजन किया। मातृ शक्ति के प्रति अपनी अटूट श्रद्धा का प्रदर्शन करते हुए, उन्होंने परंपरागत रूप से कन्या पूजन के माध्यम से समाज में शक्ति स्वरूप नारियों के महत्व को प्रतिष्ठित करने की अपनी पहल को फिर से दोहराया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर के आवासीय परिसर के प्रथम तल पर आयोजित इस विशेष अनुष्ठान में नौ कुंवारी कन्याओं का विधिपूर्वक पूजन किया। उन्होंने एक-एक कर सभी नौ कन्याओं के पांव पखारे, मस्तक पर रोली, चंदन, दही, अक्षत और मंदिर की वेदी पर उगाई गई जई का तिलक लगाया। इसके बाद उन्हें चुनरी ओढ़ाई, माला पहनाई और उपहार व दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद लिया। सीएम योगी ने इसके साथ बटुक भैरव का भी पूजन किया।
पूजन के दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित किया कि हर कन्या और बटुक को विशेष सत्कार मिले। भोजन के लिए उन्होंने खुद अपने हाथों से ताजा भोजन परोसा, जो कि मंदिर की रसोई में विशेष रूप से तैयार किया गया था। नौ कन्याओं के अलावा, बड़ी संख्या में उपस्थित अन्य बालिकाओं और बटुकों को भी प्रसाद वितरित किया गया। मुख्यमंत्री का यह स्नेह और दुलार पाकर सभी नन्हीं बालिकाएं और बटुक अत्यंत प्रसन्नचित्त नजर आ रहे थे।
पूजन के दौरान मुख्यमंत्री ने निरंतर इन बालिकाओं और बटुकों से संवाद करते हुए यह भी ध्यान रखा कि उनकी थाली में प्रसाद की कोई कमी न हो। उन्होंने मंदिर के कर्मचारियों को निर्देशित किया कि हर बालक और बालिका को पर्याप्त प्रसाद मिले। इस दौरान सीएम योगी ने सभी बालिकाओं को दक्षिणा प्रदान की, जिससे वे अत्यंत उत्साहित दिखीं। मुख्यमंत्री का स्नेह और ध्यान हर एक बालिका और बटुक के प्रति स्पष्ट था, और इस पूरी प्रक्रिया में उन्होंने भारतीय परंपरा और संस्कृति का सम्मान किया।
इस पूजन के दौरान गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, काशी से पधारे महामंडलेश्वर संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, द्वारिका तिवारी, वीरेंद्र सिंह, दुर्गेश बजाज, अमित सिंह मोनू और विनय गौतम जैसे महत्वपूर्ण लोग भी उपस्थित थे। पूजन के पहले प्रातःकालीन सत्र में मुख्यमंत्री ने मंदिर के शक्तिपीठ में मां सिद्धिदात्री की विधि-विधान से आराधना की और उन्हें श्रद्धा से नमन किया।
सीएम योगी का यह कदम समाज में महिलाओं की महत्ता और शक्ति स्वरूपा के प्रति सम्मान को और भी प्रबल करने का प्रतीक है। उनका कन्या पूजन अनुष्ठान दिखाता है कि भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति का क्या महत्व है और कैसे परंपराओं को जीवित रखते हुए समाज में इसे और भी दृढ़ किया जा सकता है।