महाकुंभ 2025 की तैयारियों पर मुख्यमंत्री का जोर: स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधा होंगी प्राथमिकता

प्रयागराज, 6 अक्टूबर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को महाकुंभ 2025 की तैयारियों की समीक्षा बैठक की, जिसमें उन्होंने महाकुंभ के प्रतीक चिह्न, वेबसाइट और मोबाइल ऐप का लोकार्पण किया। उन्होंने साधु-संतों से चर्चा कर उनके सुझावों को सुना और अधिकारियों को निर्देशित किया। मुख्यमंत्री ने महाकुंभ की तैयारी को लेकर 10 दिसंबर की डेडलाइन तय की, जिसमें सभी काम पूरे करने का निर्देश दिया गया।

महाकुंभ के क्षेत्रफल का होगा विस्तार

मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2019 में सफलतापूर्वक आयोजित कुंभ ने एक नया मानक स्थापित किया था, और इस बार महाकुंभ 4000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैलेगा। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से लोगों की अपेक्षाएं और अधिक बढ़ गई हैं, इसलिए इसे स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधा का मानक बनाना होगा। महाकुंभ के दौरान 7000 से अधिक बसें और डेढ़ लाख से अधिक शौचालय स्थापित किए जाएंगे, साथ ही 10,000 कर्मचारी सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।

महाकुंभ के लिए आवश्यक तैयारियां

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि गंगा और यमुना नदियों को अविरल और निर्मल बनाए रखने के लिए बिजनौर से बलिया तक जीरो डिस्चार्ज की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। दिसंबर के पहले सप्ताह तक स्टील ब्रिज तैयार करने के निर्देश दिए गए, जिससे कानपुर, लखनऊ, बाराबंकी और अयोध्या से प्रयागराज तक आने-जाने की व्यवस्था सुलभ हो सकेगी।

सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन पर जोर

महाकुंभ 2025 के दौरान सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री ने मेला क्षेत्र में तीन पुलिस लाइन, तीन महिला थाने और 10 पुलिस चौकियां स्थापित करने का निर्देश दिया। विशेष स्नान पर्वों के दौरान वीआईपी मूवमेंट पर रोक लगाने की भी घोषणा की गई। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों को हर श्रद्धालु और आगंतुक का सम्मान करना चाहिए और सहयोगात्मक व्यवहार करना चाहिए। क्राउड मैनेजमेंट, फायर सर्विस, हेल्प डेस्क, पार्किंग और सीसीटीवी के साथ-साथ एंटी ड्रोन सिस्टम भी लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने सिक्योरिटी मॉडल को एआई टूल्स से तैयार करने का निर्देश दिया।

होमस्टे योजना और रोजगार के अवसर

मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में होमस्टे की संभावना को प्रोत्साहित करने की बात कही, जिससे स्थानीय लोगों को अतिरिक्त आय और रोजगार के अवसर मिल सकें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि साधु-संतों और अखाड़ों से मार्गदर्शन लेते रहें और उनकी अपेक्षाओं का पूरा ध्यान रखा जाए।

रेलवे और पुलिस के बीच बेहतर समन्वय

सुरक्षा के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने नए जीआरपी थानों की स्थापना पर जोर दिया और रेलवे और यूपी पुलिस के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किराएदारों, रेस्टोरेंट कर्मियों और ई-रिक्शा चालकों का वेरिफिकेशन भी कराया जाए, जिससे सुरक्षा में कोई चूक न हो।

इस बैठक में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, एके शर्मा, नंदगोपाल गुप्ता नंदी, राकेश सचान, विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी और साधु-संत मौजूद थे।

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