लखनऊ– उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को गोमती तट स्थित पंडित गोविंद बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन में 10 दिवसीय उत्तराखंड महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड राज्य के 24 वर्षों के विकास और सांस्कृतिक उन्नति पर चर्चा करते हुए उत्तराखंडवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि स्थापना के 24 वर्षों में उत्तराखंड ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं और रजत जयंती के इस अवसर पर उत्तराखंड के लोगों के समर्पण को सलाम किया।
मुख्यमंत्री योगी ने उत्तराखंड के चार पवित्र धामों – बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और जागेश्वर धाम – का उल्लेख करते हुए कहा कि ये स्थल सदियों से श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र रहे हैं और अब पर्यटन का प्रमुख आकर्षण भी बन गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से जागेश्वर धाम को वैश्विक पहचान मिली है। केदारनाथ धाम में किए गए पुनर्निर्माण कार्यों के बाद वहां पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिला है।
योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान उत्तराखंड के महान विभूतियों – पं. गोविंद बल्लभ पंत, हेमवती नंदन बहुगुणा और नारायण दत्त तिवारी को याद किया। उन्होंने कहा कि पंत जी ने राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में कार्य किया और बहुगुणा जी ने कठिन संघर्ष करके विकास का मार्ग प्रशस्त किया। तिवारी जी ने औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देकर राज्य की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान की। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से बहुगुणा जी की संघर्षमय जीवन यात्रा का उल्लेख करते हुए उनके संघर्ष को भावुक होकर याद किया।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड महापरिषद की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संगठन गढ़वाल और कुमाऊं की समृद्ध सांस्कृतिक प्रथाओं को संरक्षित और प्रदर्शित करने में अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार हमेशा उत्तराखंड के साथ खड़ी रहेगी और राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढ़ाने के लिए उत्तराखंड महापरिषद को समर्थन देती रहेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पर्यावरणविद पद्मश्री डॉ. कल्याण सिंह रावत को ‘उत्तराखण्ड गौरव’ सम्मान से सम्मानित किया और ‘उत्तराखण्ड दर्पण स्मारिका प्रकृति नमन’ का विमोचन किया। उत्तराखंड महोत्सव में विभिन्न राज्यों के हस्तशिल्पियों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित जैविक उत्पाद, हस्तशिल्प, मिठाई, शॉल, कालीन, और खानपान की 150 स्टालें लगाई गई हैं, जो 18 नवंबर तक सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक दर्शकों के लिए खुली रहेंगी।
इस आयोजन में लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल, पूर्व मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, उत्तराखंड महापरिषद के संयोजक दीवान सिंह अधिकारी समेत अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।