
लखनऊ, 5 जनवरी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यपाल कल्याण सिंह की जयंती पर 2, मॉल एवेन्यू में आयोजित एक कार्यक्रम में उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कल्याण सिंह को भारत मां के महान सपूत, राष्ट्रभक्त और रामभक्त बताते हुए उनके योगदान को याद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कल्याण सिंह का जीवन राष्ट्रभक्ति और सुशासन का आदर्श था, और उनके द्वारा किए गए कार्यों से उत्तर प्रदेश को नई दिशा मिली।
कल्याण सिंह का योगदान और कार्यकुशलता
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कल्याण सिंह का जीवन समाज सेवा, प्रशासनिक दक्षता और सिद्धांतों के प्रति अडिग प्रतिबद्धता का प्रतीक था। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा से लेकर राजनीतिक जीवन तक, अपनी पूरी जिंदगी देश और समाज के लिए समर्पित की। 1977 में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री, विधायक, सांसद और दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री और दो राज्यों के राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल में प्रशासनिक दक्षता और कर्मठता की मिसाल पेश की गई।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उनकी स्मृतियों को जीवित रखने के लिए राज्य सरकार ने लखनऊ में अत्याधुनिक कैंसर इंस्टीट्यूट और बुलंदशहर में मेडिकल कॉलेज का नामकरण श्रद्धेय कल्याण सिंह के नाम पर किया है।
सिद्धांतों और मूल्यों से समझौता न करने वाला व्यक्तित्व
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कल्याण सिंह जैसे नेता कभी भी सिद्धांतों और मूल्यों से समझौता नहीं करते थे। रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान उनकी निष्ठा और दूरदर्शिता ने प्रदेश की राजनीति को नई दिशा दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1990 के दशक में कल्याण सिंह द्वारा उठाए गए कदम और उनकी प्रशासनिक क्षमता ने उत्तर प्रदेश को एक मजबूत और संजीवित राज्य के रूप में स्थापित किया।
पहली बार यूपी में सुशासन का अहसास
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कल्याण सिंह मुख्यमंत्री बने, तब उत्तर प्रदेश के लोग पहली बार सुशासन का अहसास महसूस कर पाए। उन्होंने अपने कार्यकाल में शासन व्यवस्था को आगे बढ़ाया और समाज में व्याप्त अस्थिरता के बावजूद राज्य में शांति और विकास की नींव रखी। उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए अपनी सरकार की तिलांजलि दी और आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जो उनकी दूरदर्शिता का प्रतीक है।
नकल विहीन परीक्षा और युवाओं के भविष्य को उज्जवल बनाने की दिशा में योगदान
योगी आदित्यनाथ ने कल्याण सिंह द्वारा शुरु किए गए नकल विहीन परीक्षा अभियान की सराहना की और कहा कि यह कदम प्रदेश के युवाओं के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए था। साथ ही, मुख्यमंत्री ने पं. दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद को कल्याण सिंह द्वारा धरातल पर उतारे जाने की बात कही, जिससे समाज में हर वर्ग को लाभ हुआ।
शुचिता के प्रति प्रतिबद्धता और उत्तर प्रदेश का निर्माण
मुख्यमंत्री ने कहा कि शुचिता के प्रति कल्याण सिंह की प्रतिबद्धता आज भी उत्तर प्रदेश के हर नागरिक में सम्मान और श्रद्धा उत्पन्न करती है। उनका नेतृत्व और योजनाओं का प्रभाव आज भी प्रदेश की शासन-प्रशासन में देखा जा सकता है। उन्होंने प्रदेश के 25 करोड़ नागरिकों के जीवन में खुशहाली और सुरक्षा लाने के लिए कल्याण सिंह के सपनों का उत्तर प्रदेश बनाने का संकल्प लिया।
कल्याण सिंह के पौत्र शिक्षा के क्षेत्र में नई दिशा दे रहे हैं
सीएम ने कहा कि कल्याण सिंह के पौत्र आज बेसिक शिक्षा मंत्री के रूप में शिक्षा के क्षेत्र में नई दिशा दे रहे हैं, जो उनके पूर्वजों की तपस्या और साधना का परिणाम है। मुख्यमंत्री ने आशा जताई कि सही दिशा में किए गए प्रयासों से परिणाम जरूर आएंगे और उत्तर प्रदेश में विकास की नई गाथा लिखी जाएगी।
इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, सांसद साक्षी जी महाराज, और बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह सहित कई प्रमुख नेता उपस्थित थे।