गोरखपुर, 25 नवंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज सुबह गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम में 300 लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं। इस दौरान उन्होंने लोगों से आत्मीयता से संवाद करते हुए कहा कि उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हर पीड़ित व्यक्ति की शिकायत पर जल्द और पारदर्शी कार्रवाई की जाएगी।
जनता दर्शन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गोरखनाथ मंदिर परिसर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के सामने एक-एक कर लोगों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उनके प्रार्थना पत्रों को अधिकारियों को सौंपते हुए निर्देशित किया कि इन समस्याओं का समाधान समयबद्ध, गुणवत्तापूर्ण और संतुष्टिप्रद तरीके से किया जाए। उन्होंने विशेष रूप से उन मामलों को प्राथमिकता दी, जिनमें जमीन कब्जाने की शिकायतें थीं और अधिकारियों को इस मामले में कठोर कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यदि किसी पीड़ित को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, तो उसकी जांच कर जवाबदेही तय की जाए। इसके अलावा, कुछ लोग इलाज के लिए आर्थिक सहायता की मांग लेकर पहुंचे थे, जिनसे मुख्यमंत्री ने कहा कि इलाज में कोई बाधा नहीं आएगी। अधिकारियों को विवेकाधीन कोष से इलाज के लिए राशि मंजूर करने का निर्देश दिया गया।
गोसेवा और बतखों को चारा खिलाने के दौरान परंपरागत दिनचर्या
गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दिनचर्या पूरी तरह से परंपरागत रही। सुबह के समय उन्होंने सबसे पहले शिवावतारगुरु गोरखनाथ का दर्शन और पूजन किया, फिर अपने गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर मत्था टेकने के बाद मंदिर परिसर का भ्रमण किया।
मंदिर परिसर में स्थित गोशाला में पहुंचकर मुख्यमंत्री ने गोवंश के बीच समय बिताया और गोसेवा की। उन्होंने खासतौर पर आंध्र प्रदेश के येलेश्वरम से गोरखनाथ मंदिर लाए गए नादिपथि मिनिएचर नस्ल (पुंगनूर नस्ल की नवोन्नत ब्रीड) के दो गोवंश भवानी और भोलू को दुलारा और उन्हें अपने हाथों से चारा खिलाया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने अन्य गोवंश को भी गुड़ खिलाया और गोशाला के कर्मचारियों को देखभाल के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
जब मुख्यमंत्री भीम सरोवर के पास पहुंचे तो वहां बतखों का झुंड देखा। मुख्यमंत्री ने वहां भी अपने हाथों से चारा खिलाया और उनके प्रति स्नेह व्यक्त किया।