गोरखपुर, 1 दिसंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को सामाजिक समता और दहेज प्रथा पर प्रहार का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से समाज में जाति, धर्म और भाषा की सीमाओं को तोड़कर विवाह के पवित्र बंधन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह आयोजन दहेज, बाल विवाह और अश्पृश्यता के खिलाफ सरकार के अभियान का हिस्सा है।
1200 जोड़ों का सामूहिक विवाह संपन्न
हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (खाद कारखाना) परिसर में आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में 1200 जोड़े विवाह के बंधन में बंधे। मुख्यमंत्री ने नवदम्पतियों को आशीर्वाद दिया और उन्हें सुखमय जीवन की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बताया कि उनकी सरकार ने 2017 से अब तक 3.84 लाख शादियां करवाई हैं, और यह संख्या इस सत्र में 4 लाख पार कर जाएगी।
दहेज प्रथा पर प्रहार और आदर्श समाज का निर्माण
मुख्यमंत्री ने कहा कि दहेज के कारण कई बेटियों का विवाह संभव नहीं हो पाता था। सामूहिक विवाह कार्यक्रम इस समस्या का समाधान कर रहा है। इसके माध्यम से समाज को एक नई दिशा दी जा रही है, जहां दहेज प्रथा से मुक्ति और सामाजिक समता को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोई बेटी दहेज के कारण अविवाहित न रहे, यही सरकार की मंशा है।
अच्छी सरकार में होते हैं अच्छे कार्य
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि 2014 के बाद से देश में अनेक योजनाएं शुरू की गईं, जिनमें बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, आयुष्मान भारत, और उज्ज्वला योजना शामिल हैं। इन योजनाओं ने महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार समाज के हर वर्ग के लिए कार्य कर रही है, जिसमें श्रमिकों के बच्चों की मुफ्त शिक्षा, निराश्रितों को पेंशन, और कन्या सुमंगला योजना जैसी योजनाएं शामिल हैं।
मुख्यमंत्री का आत्मीयता भरा जुड़ाव
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने नवदम्पतियों को आशीर्वाद देते हुए दस जोड़ों को उपहार-शगुन किट प्रदान की। उन्होंने विवाह मंडप का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और बच्चों को चॉकलेट देकर उन्हें आशीर्वाद दिया। मुख्यमंत्री ने इस आयोजन को एक ऐसा उत्सव बताया जिसमें सभी धर्मों और समुदायों के लोग समानता और सौहार्द के साथ जुड़ते हैं।
कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति
इस समारोह में महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक राजेश त्रिपाठी, महेंद्रपाल सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। उन्होंने भी इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए इसे समाज को एकजुट करने का माध्यम बताया।
सामूहिक विवाह कार्यक्रम ने न केवल समाज में एक सकारात्मक संदेश दिया, बल्कि यह दहेज प्रथा और सामाजिक असमानता के खिलाफ एक सशक्त कदम भी साबित हुआ।