बांदा/लखनऊ, 28 नवंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को एक दिवसीय दौरे पर बांदा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मेडिकल कॉलेज के मुख्य द्वार पर वीरांगना रानी दुर्गावती की प्रतिमा का अनावरण किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि रानी दुर्गावती भारतीय इतिहास की एक महान योद्धा थीं, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। यह प्रतिमा उनकी वीरता और त्याग की स्मृति को चिरस्थायी बनाएगी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी।
मुख्यमंत्री ने भाजपा नेताओं और जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की और जिले में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि विकास कार्यों को समयबद्ध और गुणवत्ता पूर्ण ढंग से पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बांदा के विकास को प्राथमिकता दे रही है और जल्द ही वे कई योजनाओं का लोकार्पण करने के लिए फिर से आएंगे।
दौरे के दौरान मुख्यमंत्री महुआ गांव में तेलंगाना भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर के पैतृक आवास भी पहुंचे। वहां उन्होंने उनकी दिवंगत माता जी को श्रद्धांजलि अर्पित की और शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधाया।
इस मौके पर जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, जलशक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद, जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील सिंह पटेल, विधायक सदर प्रकाश द्विवेदी, विधायक नरैनी ओम मणि वर्मा, जिलाधिकारी नगेंद्र प्रताप, पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे।
भारतीय इतिहास की महान योद्धा थीं वीरांगना रानी दुर्गावती
रानी दुर्गावती का जन्म 1524 में मंडला (मध्य प्रदेश) में हुआ था। वे गोंडवाना साम्राज्य के राजा संग्राम शाह की पुत्रवधू थीं। उनके पति राजा दलपत शाह की मृत्यु के बाद उन्होंने राज्य की बागडोर संभाली। अपने शासनकाल में उन्होंने गोंड साम्राज्य को समृद्ध और शक्तिशाली बनाया।
1564 में जब मुगल सम्राट अकबर के सेनापति आसफ खान ने उनके राज्य पर आक्रमण किया, तो रानी ने अपनी सेना का साहसपूर्वक नेतृत्व किया। युद्ध में उन्होंने मुगलों को कड़ी चुनौती दी, लेकिन जब पराजय निकट दिखी, तो उन्होंने आत्मसमर्पण के बजाय वीरगति को चुना। उनकी कहानी शौर्य, बलिदान और स्वाभिमान का प्रतीक है। रानी दुर्गावती की वीरता भारतीय इतिहास में अमर है और उनकी प्रेरणादायक गाथा आज भी लोगों को राष्ट्रप्रेम और साहस के लिए प्रेरित करती है।