जनजागरूकता और प्रशिक्षण पर दिया जोर, महाकुंभ-2025 बना प्रचार का प्रमुख अवसर
लखनऊ: 04 जनवरी, 2025
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जुलाई 2024 से लागू तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए व्यापक जनजागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र न्याय की अवधारणा पर आधारित है, और नए कानून हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली को अधिक जनोन्मुखी बना रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि सभी पुलिसकर्मियों को इन कानूनों से अच्छी तरह परिचित कराने के लिए उनके प्रशिक्षण को शीघ्रता से पूर्ण कराया जाए। उन्होंने फॉरेंसिक विशेषज्ञता और संसाधनों को मजबूत करने पर जोर दिया, ताकि कानूनों के क्रियान्वयन में तकनीकी समर्थन बढ़ सके।
महाकुंभ-2025 को प्रचार के लिए बताया उपयुक्त अवसर
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रयागराज में महाकुंभ-2025 के दौरान 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। यह नया कानूनों के प्रचार-प्रसार के लिए उपयुक्त मंच बन सकता है। उन्होंने छोटे-छोटे वीडियो तैयार कर आम जनता को कानूनों की खूबियों से अवगत कराने का सुझाव दिया।
फॉरेंसिक की भूमिका को बनाया प्राथमिकता
उन्होंने कहा कि तीन नए कानूनों के अनुपालन में फॉरेंसिक की भूमिका महत्वपूर्ण है। रेंज स्तर पर सभी फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं में आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्रदेश के सभी जिलों में फॉरेंसिक मोबाइल वैन संचालित हो रही हैं। मुख्यमंत्री ने फॉरेंसिक विशेषज्ञों की भूमिका को सुदृढ़ करने और इसके लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
जनोन्मुखी न्याय प्रणाली का निर्माण
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय मूल्यों को ध्यान में रखते हुए लागू किए गए ये कानून आपराधिक न्याय प्रणाली को सरल, सुलभ और जनोन्मुखी बनाने में सहायक हैं। व्यापक जनजागरूकता और पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण के माध्यम से इन कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा।
इस बैठक में कानून व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों ने भी भाग लिया और कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन पर चर्चा की।