ग्रेटर नोएडा/लखनऊ, 11 सितंबर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्वनी वैष्णव के साथ एक साझा प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने राज्य में निवेश की स्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 2017 के पहले जहां उत्तर प्रदेश में कोई भी निवेश करने से हिचकता था, वहीं अब यहां निवेशकों की कतारें लगी हैं। इस बदलाव का मुख्य कारण राज्य में कानून-व्यवस्था में सुधार और निवेश के अनुकूल माहौल बनना है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अब हर कोई उत्तर प्रदेश में निवेश करने के लिए इच्छुक है।
2017 से 2024 में आए बड़े बदलाव
सीएम योगी ने 2017 से पहले और उसके बाद के उत्तर प्रदेश में आए बदलावों को रेखांकित करते हुए कहा कि 2017 में जब राज्य सरकार ने इन्वेस्टर्स समिट की योजना बनाई थी, तब विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया था कि अधिकतम 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश संभव होगा। हालांकि, 2023 की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में उत्तर प्रदेश को 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिसमें से फरवरी 2024 तक 10 लाख करोड़ रुपये के प्रस्तावों को धरातल पर उतारा जा चुका है। यह उत्तर प्रदेश के वर्क कल्चर में हुए सुधार और राज्य की बदलती छवि को दर्शाता है।
सेमीकंडक्टर नीति से निवेशकों को लाभ
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में सेमीकंडक्टर पॉलिसी 2024 को लागू किया है, जिसका उद्देश्य राज्य में निवेशकों के लिए एक अनुकूल और सरल वातावरण तैयार करना है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि राज्य सरकार निवेशकों की सभी समस्याओं का समाधान निश्चित समय सीमा में करती है। उन्होंने “निवेश मित्र” पोर्टल का उल्लेख किया, जो निवेश प्रक्रिया को आसान बनाता है। उन्होंने बताया कि पहले सिंगल विंडो सिस्टम की बात होती थी, लेकिन अब इसे गंभीरता से लागू किया गया है। इस प्रणाली के तहत निवेशकों को अपने इंसेंटिव्स या किसी भी प्रक्रिया के लिए सरकारी कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ता, बल्कि सारी प्रक्रियाएँ ऑनलाइन हो जाती हैं।
सीएम योगी के अनुसार, सरकार की नई नीतियों और प्रयासों के चलते उत्तर प्रदेश अब निवेशकों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बन गया है।