वाराणसी(काशीवार्ता)।विजयादशमी, जो सनातन शौर्य, वीरता एवं विजय का प्रतीक है, भारतवर्ष में अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर काशी के पवित्र तीर्थस्थल, श्री काशी विश्वनाथ धाम में शस्त्रपूजन का भव्य आयोजन 12 अक्टूबर 2024 यानी आज होने जा रहा है। इस अवसर पर शैव परंपरा के अंतर्गत, मंदिर में स्थित शैव शस्त्रों की पूजा संपन्न की जाएगी, जो देवाधिदेव महादेव की शक्ति और उनके अनुयायियों के शौर्य का प्रतीक है। यह आयोजन सभी श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्व रखता है, क्योंकि इसमें शास्त्रोक्त विधि से शस्त्रों की आराधना की जाएगी, जो हमारी प्राचीन धरोहर और वीरता को सम्मानित करने का प्रतीक है।
इस विशेष कार्यक्रम का आयोजन प्रातः 10 बजे से मंदिर प्रांगण में स्थित कलश स्थापना स्थल पर, माता अन्नपूर्णा विग्रह के समीप होगा। शस्त्रपूजन समारोह में मंदिर के पुजारियों द्वारा पारंपरिक मंत्रोच्चार एवं विधिपूर्वक शैव शस्त्रों का पूजन किया जाएगा। इन शस्त्रों का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है, क्योंकि ये हमारे अतीत के गौरवशाली समय की याद दिलाते हैं जब शौर्य और बलिदान का अत्यधिक महत्व था। विजयादशमी का यह आयोजन केवल धार्मिक कृत्य नहीं, बल्कि भारतीय सैन्य और सांस्कृतिक विरासत का जीवंत प्रतीक है, जो सभी सनातन धर्मावलंबियों को प्रेरित करता है कि वे वीरता, साहस और धर्म की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहें।
इस आयोजन में भाग लेकर श्रद्धालु अपनी आस्था को सुदृढ़ कर सकते हैं और भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही, यह आयोजन हमें अपनी जड़ों की ओर लौटने और उन मूल्यों को पुनर्जीवित करने की प्रेरणा देता है जो हमें एक सशक्त और संगठित समाज की ओर ले जाते हैं। शस्त्रपूजन का यह कार्यक्रम विजयादशमी के मूल भाव – असत्य पर सत्य की विजय, अन्याय पर न्याय की जीत, और अज्ञानता पर ज्ञान की सर्वोच्चता को प्रतिपादित करता है।