वाराणसी (काशीवार्ता)। मानसिक चिकित्सालय में खुदकुशी करने वाली महिला की मौत ने नया मोड़ ले लिया है। सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो में दिख रहा है कि अस्पताल परिसर के अंदर नाले के पास एक सब्जी काटने वाला चाकू पड़ा है। जिसपर खून का कोई भी निशान नजर नहीं आ रहा हैं जबकि घटनास्थल पर खून के छीटें चारो ओर फैले हुए हैं। वहीँ महिला खून से लथपथ मृत हाल में पड़ी है।
इस सम्बंध में निदेशक डॉ.ए.के. राय से जब ‘काशीवार्ता’ प्रतिनिधि ने वार्ता की तो उन्होंने कहा, ये जांच का विषय है। रविवार को फोरेंसिक टीम अस्पताल परिसर में आई थी और महिला की मौत से जुड़े सभी साक्ष्यों को एकत्र कर ले गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस संबंध में कुछ कहा जा सकता है।
बता दें कि पाण्डेयपुर स्थित मानसिक चिकित्सालय में कौशाम्भी जनपद से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर अज्ञात मरीज के रूप में 13 अप्रैल को लाया गया था। जज को इस बात का जरा भी भान नहीं रहा होगा कि जिस महिला को वे वाराणसी भेज रहे है उसकी इहलीला समाप्त होने वाली है। प्रश्न यह उठता है कि मानसिक अस्पताल में भर्ती मरीज जो कि मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं। उनके हाथ मे धारदार हथियार किसने पकड़ा दिया। सभी जानते हैं कि मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति कभी भी किसी पर हमलावर हो सकता है। वह खुद को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
महिला वार्ड के कर्मी फरमाते हैं आराम मरीजों से कराते हैं काम
अस्पताल सूत्रों की मानें तो महिला वार्ड में भर्ती मरीज इलाज के बाद जब अपना कार्य करने लायक हो जाती हैं तो वार्ड में तैनात कर्मी सारे काम उन्हीं से करवाते हैं। आलम यह है कि इनसे हाथ-पैर भी दबवाये जाते हैं। जबकि स्वस्थ्य होने के बाद अज्ञात मरीजों को नियमतः अनाथाश्रम भेजे जाने का नियम है, लेकिन ऐसा होता नहीं। वर्ष 2011 में भी इसी तरह का एक मामला प्रकाश में आय था। जब पूड़ी को लेकर मानसिक रूप से बीमार एक महिला ने दूसरी को धकेल दिया, जिससे वो खौलते तेल में गिर गई और बुरी तरह से झुलस गई थी। कई माह तक चले लंबे इलाज के बाद वो स्वस्थ हुई। ऐसे ही कई और ऐसे सवाल हैं, जो अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं।