कैडेटों ने सीखा सेक्शन फॉरमेशन व भारतीय सेना में शामिल का तरीका

धुवें की दीवाल दुश्मन को धोखा देने के लिए

वाराणसी (काशीवार्ता)। एक सेक्शन का संगठन और उसकी चाल इस तरीके से होनी चाहिए कि यदि वह दुश्मन की कारगर रेंज में आ जाए तो जान माल का कम से कम नुकसान हो। इस तरह से एक संगठन को अलग-अलग जमीन पर अलग-अलग तरह की फॉर्मेशन बनानी पड़ती है। एक सेक्शन में 10 जवान होते हैं। जो फॉर्मेशन बनती है उसे सिंगल फॉर्मेशन, डायमंड, ऐरो हेड, एक्सटेंडेड, फाइल और स्पेयरहेड फॉर्मेशन के नाम से जाना जाता है। ये जानकारी सूबेदार पंचम सिंह ने एनसीसी कैडेटों को दी।

सनबीम सनसिटी करसड़ा में चल रहे एनसीसी प्रशिक्षण शिविर में जब धूओं की आड़ लेकर दुश्मन की नजरों को धोखा देते हुए अपने आप को बचाने का दृश्य दिखाया गया तो कैडेटों के समक्ष युद्ध भूमि का दृश्य खिंच गया। कैडेटों को युद्ध के दौरान प्राकृतिक वातावरण के अनुसार अपने आप को छुपाने की कला से अवगत कराया गया। जिसे फौजी भाषा में व्यक्तिगत कैमाफ्लाज एवं छुपाव कहते हैं, साथ ही बीआरओ द्वारा भारतीय सेना में भर्ती की योग्यता की संपूर्ण जानकारी कैडेटों को दी गई।

लेफ्टिनेंट कर्नल ईला वर्मा एवं लेफ्टिनेंट कर्नल राकेश रोशन की मौजूदगी में कैडेटों के लिए आयोजित यह सेक्शन फॉरमेशन का डेमोंसट्रेशन कैडेटों के लिए प्रेरणादाई रहा। इस दौरान लेफ्टिनेंट उषा बालचंदानी, सारनाथ सिंह, मयंक सिंह, चीफ ऑफिसर एलबी सिंह, थर्ड ऑफिसर राजकुमार जायसवाल, सीटीओ गिरीश गोधनी, सूबेदार मेजर कानाराम, सूबेदार पंचम सिंह सहित समस्त पी स्टाफ मौजूद रहे। उक्त जानकारी मीडिया सहायक मेजर डॉ.अरविंद कुमार सिंह ने दी।

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