वेदों में वर्णित ज्ञान-विज्ञान की परम्परा व शीर्षोन्नति को प्राप्त कर देश विश्वगुरु को प्राप्त करेगा-कुलपति

12 मार्च से चल रहे महायज्ञ के 212 वें दिन शतचण्डी यज्ञ

वाराणसी। हिंदू धर्म में पूजा-पाठ, उपवास व धार्मिक अनुष्ठान का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि धार्मिक अनुष्ठान करते समय देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है, और जीवन में चल रही कई तरह की बाधाएं खत्म हो जाती हैं। हिंदू धर्म में अलग-अलग कामनाओं के लिए विशेष पूजा-पाठ का विधान है। शास्त्रों में कहा गया है कि माता से पुत्र कुछ भी कामना करता वह अवश्य ही पूर्ण होती है। मां दुर्गा को शक्ति की देवी कहा जाता है और मां दुर्गा को प्रसन्न कर कामनाओं की पूर्ति के लिए कई प्रकार के अनुष्ठान विधान कहे गए हैं। मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए एक विशेष अनुष्ठान है शतचण्डी महायज्ञ। शतचंडी महायज्ञ को बहुत ही प्रभावशाली और शक्तिशाली यज्ञ माना जाता है उसमें भी हवनात्मक हो तो और उत्तम माना जाता है। इस यज्ञ के आयोजन से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है। जन्मपत्रिका में स्थित अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है। सौभाग्य में वृद्धि होती है। शतचंडी यज्ञ के आयोजन से शत्रुओं का नाश होता है और कार्यक्षेत्र में आने वाली बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। व्यापार में वृद्धि, संतान प्राप्ति, संस्थान की उन्नति, शत्रुनाश, शिक्षा में अभिवृद्धि आदि अनेक मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सनातन हिंदू धर्म में शतचण्डी, नवचंडी महायज्ञय बेहद शक्तिशाली, असाधारण और यज्ञ होता है। इस यज्ञ में शुद्व उचारण करने वाले योग्य वैदिक ब्राह्मणों से ही करवाने का विधान भी है। शतचंडी महायज्ञ में दुर्गासप्तशती के 700 श्लोकों का 100 पाठ व उनसे हवन भी किया जाता है। उक्त बातें सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविधालय के कुलपति प्रो.बिहारी लाल शर्मा ने कहा। आज देश सम्पूर्ण विश्व का नेतृत्व करने के लिए अग्रसर है और इस प्रकार के वेदों में वर्णित पवित्र कार्यक्रमों से देश अवश्य ही शीर्षोन्नति को प्राप्त कर विश्वगुरु की पदवी को प्राप्त करेगा तथा सम्पूर्ण विश्व का नेतृत्व करेगा।

हवनात्मक शतचण्डी यज्ञ के माध्यम से शीघ्र फल होता है प्राप्त-डॉ.विजय कुमार

महायज्ञ के संयोजक डॉ.विजय कुमार शर्मा के आचार्यत्व में चतुर्वेद स्वाहाकार विश्वकल्याण महायज्ञ के 212 दिवस की पूर्णता पर हवनात्मक शतचण्डी यज्ञ चल रहा है। डॉ.शर्मा ने कहा कि चतुर्वेद स्वाहाकार के साथ साथ शारदीय नवरात्र के उपलक्ष्य में 11 वैदिक ब्राह्मणों द्वारा पूर्ण वैदिक विधान के अनुसार संचालित शतचण्डी महायज्ञ का फल प्रत्येक जनमानस को अवश्य प्राप्त होगा। इस दौरान प्रो.महेन्द्र पाण्डेय, प्रो.सुधाकर मिश्र, प्रो.रामपूजन पाण्डेय, प्रो.अमित कुमार शुक्ल, डॉ.पद्माकर मिश्र, डॉ.ज्ञानेंद्र सापकोटा, डॉ.दुर्गेश पाठक जनसम्पर्क अधिकारी डॉ.शशीन्द्र मिश्र सहित अनेकों लोग मौजूद रहे।

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