विशेष प्रतिनिधि
वाराणसी (काशीवार्ता)। सांसद अफजाल के बयान ने हड़कंप मचा दिया है। उन्होंने धुर विरोधी पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह का नाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जोड़ दिया है। कहा कि पीएम मोदी का मैजिक इस लोकसभा चुनाव में नहीं चला। सिर्फ पूर्वांचल ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल तक भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। काशी में पीएम मोदी की जीत में बृजेश सिंह का बड़ा हाथ है। वे भाजपा से नहीं जुड़े हैं, फिरभी वे पीएम मोदी के लिए प्रचार कर रहे थे। आखिर यह कैसे संभव हुआ। यह बड़ा सवाल है। एमएलसी के चुनाव पर गौर फरमाएं। सारी तस्वीर साफ हो जाएगी।
बृजेश सिंह की पत्नी भाजपा के बैनर तले चुनाव में नहीं उतरी थीं। भाजपा का प्रत्याशी मैदान में था। वह चिल्लाता रहा लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ का तंत्र एक न सुना। आखिरकार अन्नपूर्णा सिंह जीत गईं। भाजपा ने उनके खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा। इस चुनाव में भी योगी के तंत्र ने ही काम किया क्योंकि यह भी सही है कि पीएम मोदी बृजेश सिंह से प्रचार करने के लिए नहीं कहा होगा तो वह कौन है जिसने बृजेश सिंह को यह जिम्मेदारी सौंपी।
काशी के आसपास की सीटों पर हार कर रही पुष्टि
अफजाल ने कहा कि इस चुनाव में मोदी का कोई मैजिक नहीं था। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है काशी के आसपास की सीटें जहां बीजेपी की हार हुई। चंदौली, गाजीपुर, बलिया, घोसी, सोनभद्र, मछली शहर, आजमगढ़, जौनपुर, सलेमपुर आदि सीटें भाजपा हार गई। सिर्फ अनुप्रिया अपनी सीट बचा पायीं। अगर गोरखपुर में गठबंधन प्रत्याशी बीमार नहीं पड़ती तो वह सीट भी हम जीतते।
अफजाल ने अटकलों पर लगाया विराम
गाजीपुर के नवनिर्वाचित सांसद अफजाल अंसारी ने उन अटकलों का खंडन किया कि उनका झुकाव भाजपा या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ हो रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके बयान का गलत अर्थ लगाया जा रहा है। दरअसल, उनके कहने का आशय यह था कि अगर योगी आदित्यनाथ ने अपने तंत्र से पूरा जोर भाजपा को जिताने के लिए नहीं लगाया होता तो भाजपा को 33 सीटें भी न मिलती। इसी तंत्र से फिरोजाबाद में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी को भी हराया गया।