अजीत केआर सिंह
गाजीपुर(काशीवार्ता)। अचानक 17 दिसंबर को काले रंग लग्जरी गाड़ियों का काफिला धूल उड़ाते हुए हैदर अली टाइगर के घर महेंन गांव में पहुंचा तो हर कोई हैरान और परेशान था। हैरानी लग्जरी गाड़ियों के काफिले को देखकर नहीं थी, बल्कि उससे आने वाले सख्स को लेकर थी।दरअसल, ये काफ़िला था पूर्व एमएलसी और कभी जरायम की दुनिया के डान रहे बृजेश सिंह का। वे महेंन गांव में “टाइगर” के बेटे के दावते वलीमा में आए थे। उन्होंने बाकायदा उनके बेटे को आर्शीवाद दिया। लजीज व्यंजन चखा और सभी का अभिभावन भी किया। इन सबके बाद बृजेश तो चले गए लेकिन छोड़ गए कई सवाल। आखिर, बृजेश यहाँ क्यों आए। इस बात की चर्चा पूरे जिले में है। बताया जाता है कि बृजेश बारे नजदीकी लोगों के यहाँ ही जाते है।
अधिकांश कार्यक्रमों में या तो उनके भतीजे व विधायक सुशील सिंह जाते है या फिर पत्नी व एमएलसी अन्नपूर्णा सिंह। कुछेक जगहों पर बेटे सिद्धार्थ को भी देखा गया है। पिछले दिनों आयोजित पूर्व ब्लाक प्रमुख घूरा सिंह के बेटे के विवाह में बृजेश नहीं आए थे, वहां सुशील सिंह पहुंचे।
विदित हो कि किसी जमाने में टाइगर को बाहुबली मुख्तार अंसारी के खास हुआ करते थे, लेकिन बीच में दोनों की दोस्ती में दरार आ गई थी और वह मुख्तार से अलग हो गए। कई बार उन्हें मुख्तार विरोधी गुट के मंच पर देखा गया। हाई सिक्योरिटी से घिरे बृजेश सिंह का हैदर के घर जाना और बेटे को आर्शीवाद दिए जाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। इस दौरान बृजेश के साथ मऊ के भाजपा नेता अशोक सिंह भी मौजूद थे।
सियासत के जानकारों का कहना है, बृजेश सिंह अंसारी बंधुओं के इलाके में पहुंचकर यह संदेश देना चाहते है कि वे आने वाले दिनों में वे यहाँ से ताल भी ठोंक सकते है। खैर, यदि बृजेश यहाँ से चुनावी मैदान में उतरते है तो चुनावी परिदृश्य कुछ और ही होगा। कुछ दिनों पूर्व बृजेश सिंह और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह की एक फोटो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थी। जो सपा सांसद अफजाल अंसारी के बेहद करीबी माने जाते है। ऐसे में अब यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर बृजेश सिंह अंसारी बंधुओं के करीबियों को अपना करीबी क्यों बनाना चाहते है ?