
वाराणसी में 6 दिसंबर को मुस्लिम समुदाय हर साल बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर विरोध जताता है। शहर के कई हिस्सों में इसका असर दिखता है, लेकिन दालमंडी इसका प्रमुख केंद्र माना जाता है। यहां सुबह से ही बाजार पूरी तरह बंद कर दिया जाता है। नई सड़क मोड़ से लेकर चौक मोड़ तक की सभी दुकानें ताले लगे नजर आती हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि 1992 की घटना के बाद से यह इलाका हर वर्ष इस दिन ब्लैक डे मनाता आ रहा है।
दुकानदार दुकानें बंद रखकर इस दिन को शहादत दिवस बताते हैं और मस्जिद को याद करते हैं। किसी तरह का कारोबार नहीं होता और पूरा माहौल शांत बना रहता है। समुदाय के लोग इस बंदी को विरोध के रूप में देखते हैं और इसे अपनी भावनाओं का सम्मान मानते हैं।
दालमंडी के साथ मदनपुरा, आदमपुर और अन्य मुस्लिम बहुल इलाकों में भी ऐसा ही माहौल देखने को मिलता है। वहां भी दुकानें बंद रहती हैं और लोग शांतिपूर्वक विरोध दर्ज कराते हैं। शहर के बाकी हिस्सों में रोजमर्रा की गतिविधियां सामान्य रहती हैं, लेकिन मुस्लिम इलाकों में बंदी का असर साफ दिखता है। हर साल की तरह इस बार भी दालमंडी ने बाबरी विध्वंस को याद करते हुए बाजार बंद रखकर अपना विरोध जताया।
