काशीवार्ता न्यूज़।बिहार की प्रसिद्ध लोकगायिका और ‘स्वर कोकिला’ के नाम से मशहूर शारदा सिन्हा ने आज दिल्ली एम्स में अपनी अंतिम सांस ली। पिछले कुछ समय से शारदा सिन्हा की तबीयत नाजुक बनी हुई थी और उन्हें दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था, जहां वे जीवन की अंतिम जंग लड़ रही थीं। आज रात 9:20 बजे उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
शारदा सिन्हा बिहार के सांस्कृतिक इतिहास का एक अभिन्न हिस्सा थीं। अपनी मधुर आवाज और भोजपुरी, मैथिली, और मगही भाषा में गाए गए लोकगीतों से उन्होंने न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनाई। छठ महापर्व पर उनके द्वारा गाए गए गीत विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं और उनके गीत आज भी इस पर्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माने जाते हैं। ‘सोनवा के पिंजरा’ और ‘पेनवा के बिन’ जैसे गाने आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं और उन्हें बिहार के लोक संगीत में एक विशेष स्थान दिलाते हैं।
शारदा सिन्हा को उनकी उपलब्धियों के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिसमें पद्म श्री और पद्म भूषण जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार शामिल हैं। उन्होंने अपने जीवन में लोकगीतों को एक नए स्तर पर पहुँचाया और बिहार की संस्कृति को जन-जन तक पहुँचाया। उनकी मृत्यु से बिहार और पूरे भारत में शोक की लहर है। सोशल मीडिया पर भी लोग उनके योगदान को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
उनके निधन से भारतीय संगीत जगत ने एक अनमोल रत्न खो दिया है। उनकी मधुर आवाज और उनके द्वारा गाए गए लोकगीत हमेशा लोगों के दिलों में गूंजते रहेंगे और उन्हें बिहार की लोक संस्कृति में हमेशा एक विशेष स्थान प्राप्त रहेगा।