वाराणसी(काशीवार्ता)।सरकार ने टीबी मरीजों को पोषण सहायता बढ़ाकर बड़ी राहत दी है, जिससे टीबी से संबंधित बीमारी और मृत्यु दर में कमी आने की उम्मीद है। निक्षय पोषण योजना (एनपीवाई) के तहत अब मरीजों को हर महीने 500 रुपये की जगह 1000 रुपये भत्ता मिलेगा। इसका उद्देश्य टीबी मरीजों को पर्याप्त पोषण प्रदान कर उनकी सेहत में सुधार करना है, जिससे टीबी के इलाज में मदद मिलेगी।
निक्षय पोषण योजना का विस्तार:
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि निक्षय पोषण योजना अप्रैल 2018 से टीबी रोगियों को आर्थिक मदद देने के लिए चलाई जा रही है। इसके तहत अब तक 500 रुपये प्रति माह दिए जा रहे थे, लेकिन 1 नवंबर 2024 से इसे बढ़ाकर 1000 रुपये प्रति माह कर दिया जाएगा। यह वृद्धि सभी नए और पुराने मरीजों पर लागू होगी। यह राशि 3,000 रुपये की दो बराबर किस्तों में दी जाएगी। पहला 3,000 रुपये का भत्ता मरीज को निदान के समय अग्रिम रूप में दिया जाएगा, जबकि दूसरा 3,000 रुपये का भत्ता 84 दिन के उपचार के बाद प्रदान किया जाएगा। जिन मरीजों का इलाज 6 महीने से अधिक चलता है, उन्हें 1,000 रुपये प्रति माह के हिसाब से सहायता दी जाएगी।
कुपोषण और टीबी के बीच संबंध:
जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. पीयूष राय ने बताया कि कुपोषण और टीबी के बीच गहरा संबंध है। कुपोषण से टीबी विकसित होने का जोखिम बढ़ जाता है, जबकि टीबी की वजह से शरीर में पोषण की कमी बढ़ती है। टीबी के कारण मरीज की शारीरिक स्थिति कमजोर हो जाती है और वजन घटता है। इसलिए बेहतर पोषण से टीबी मरीजों की मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। पोषण की कमी को दूर करने से मरीजों की सेहत में सुधार होता है और उनका उपचार अधिक प्रभावी साबित होता है।
सरकार की टीबी उन्मूलन मुहिम:
जनपद में वर्तमान में 7524 मरीजों का इलाज चल रहा है। सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पताल भी टीबी उन्मूलन की इस मुहिम में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। जनपद में 2568 निक्षय मित्र पंजीकृत हैं, जो टीबी मरीजों को सहायता प्रदान कर रहे हैं। अब तक 12,800 पोषण पोटलियों का वितरण किया जा चुका है, जिससे मरीजों को बेहतर पोषण सहायता मिली है। वर्ष 2023 में 46 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है, जो सरकार की टीबी उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सरकार की इस नई पहल से उम्मीद है कि टीबी मरीजों को उचित पोषण सहायता मिलेगी और उनकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार होगा, जिससे टीबी को देश से मिटाने में मदद मिलेगी।