पौष पूर्णिमा से पहले संगम पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

संगम तट पर लाखों श्रद्धालुओं ने किया स्नान
पौष पूर्णिमा से एक दिन पहले ही संगम पर श्रद्धालुओं का विशाल जनसैलाब उमड़ पड़ा। रविवार को लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इसमें युवा, बुजुर्ग और बच्चे भी उत्साह के साथ शामिल हुए। संगम तट पर सनातन संस्कृति के इस महापर्व का जोश और उल्लास देखते ही बन रहा था।

डिजिटल महाकुम्भ का क्रेज
डिजिटल युग में इस बार महाकुम्भ का क्रेज अलग ही रूप में देखने को मिला। श्रद्धालु स्नान के बाद सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो साझा कर रहे हैं। वीआईपी घाट और संगम नोज पर स्नान करने वाले लोग फेसबुक लाइव, यूट्यूब लाइव और वॉट्सएप पर ग्रुप कॉलिंग के माध्यम से घरवालों को डिजिटल दर्शन करा रहे हैं। यह पहली बार है जब तकनीक और आस्था का ऐसा संगम देखा जा रहा है।

नेशनल यूथ डे पर युवाओं का जबरदस्त उत्साह
नेशनल यूथ डे के अवसर पर युवाओं में सनातन संस्कृति के प्रति गहरी आस्था और जोश दिखा। वे न केवल संगम स्नान का हिस्सा बने, बल्कि अपनी परंपरा और संस्कृति को नजदीक से समझने का भी प्रयास किया। यह आयोजन युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ने और संस्कृति के प्रति जागरूक करने का बड़ा माध्यम बन रहा है।

सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुम्भ में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। पहली बार एआई कैमरों के जरिए पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। डीआईजी वैभव कृष्ण और एसएसपी राजेश द्विवेदी खुद सुरक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती और पल-पल की अपडेट ने सुरक्षा को और मजबूत किया है।

विदेशी श्रद्धालुओं ने की व्यवस्था की सराहना
देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने योगी सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं की प्रशंसा की। श्रद्धालुओं का कहना था कि पहले कभी इतनी आधुनिक और सुरक्षित व्यवस्था देखने को नहीं मिली। एआई तकनीक और सुरक्षा प्रबंधों ने महाकुम्भ को एक नया आयाम दिया है।

सोशल मीडिया पर छाया महाकुम्भ का उत्सव
सोशल मीडिया पर महाकुम्भ का उत्सव छाया रहा। लाखों लोग संगम पर स्नान के बाद इसे डिजिटल माध्यम से पूरी दुनिया तक पहुंचा रहे हैं। यह आयोजन डिजिटल और आध्यात्मिक जुड़ाव का अद्भुत उदाहरण बन गया है।

सनातन संस्कृति के प्रति आस्था का प्रतीक
महाकुम्भ का यह आयोजन केवल आस्था का पर्व नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति के प्रति श्रद्धा और गर्व का प्रतीक है। यह आयोजन हर वर्ग और आयु के लोगों को एक सूत्र में बांधता है।
महाकुम्भ 2025 का यह आयोजन आधुनिकता और परंपरा का संगम बन गया है। सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम और डिजिटल महाकुम्भ का यह रूप आस्था और तकनीक का अनूठा मेल है, जिसने श्रद्धालुओं को गहरी संतुष्टि प्रदान की है।

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