वाराणसी(काशीवार्ता)।राखी का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह भाई-बहन के रिश्ते का खास दिन होता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के लिए राखी बांधती हैं और उनके लिए खुशहाली और लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस अवसर पर राखी की थाली की सजावट का विशेष महत्व होता है, जो त्योहार को और भी खास बनाती है। थाली में कुछ विशेष चीजों को शामिल करने से पूजा का प्रभाव और भी बढ़ जाता है। काशी के ब्राम्हणों के अनुसार, राखी की थाली में कुछ विशेष चीजें रखना शुभ होता है।
राखी की थाली में सबसे पहले कुमकुम या रोली को शामिल करना आवश्यक है। हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य में सबसे पहले कुमकुम या रोली से तिलक किया जाता है। इसे विजय और लंबी उम्र का प्रतीक माना जाता है। इसके बाद, थाली में अक्षत का होना भी आवश्यक है। अक्षत यानी कच्चे सफेद चावल को शुभ माना जाता है। तिलक के बाद भाई के माथे पर अक्षत लगाने से उसकी सफलता और खुशहाली की कामना की जाती है।
राखी की थाली में दीपक का भी विशेष महत्व होता है। राखी बांधने के बाद भाई की आरती उतारने के लिए दीपक का उपयोग किया जाता है, जिससे भाई पर बुरी नजर नहीं लगती। मिठाई भी राखी की थाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। राखी बांधने के बाद भाई-बहन एक दूसरे को मिठाई खिलाते हैं, जिससे उनके रिश्ते में मिठास बढ़ती है।
इसके अलावा, नारियल का भी राखी की थाली में विशेष स्थान होता है। नारियल को श्रीफल के रूप में जाना जाता है और इसे देवी लक्ष्मी का फल माना जाता है। मान्यता है कि भाई को नारियल देने से उसकी तरक्की के रास्ते खुलते हैं।
इस प्रकार, राखी की थाली में इन विशेष चीजों को शामिल कर इसे और भी यादगार और शुभ बनाया जा सकता है।
यह लेख धार्मिक मान्यताओं पर है लेखक इनकी पुष्टि नही करता ।