वाराणसी(काशीवार्ता)।शनिवार को नमामि गंगे अभियान के तहत काशी के महर्षि योगी वेद विज्ञान विद्यापीठ के वेदपाठी बटुकों और नगर निगम ने गंगा और घाटों पर कपड़ों के विसर्जन को रोकने की अपील की। यह पहल वाराणसी के गंगा घाटों को सिंगल यूज पॉलिथीन मुक्त बनाने के लक्ष्य से शुरू की गई है। नगर निगम द्वारा बनवाए गए कपड़े के झोलों का वितरण सिद्धेश्वरी क्षेत्र में किया गया, और घाटों पर लोगों को पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझाया गया।
इस अभियान के तहत शीतला गली से सिंधिया घाट तक स्वच्छता और सिंगल यूज पॉलिथीन के उपयोग को बंद करने का संकल्प दिलाया गया। नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक और नगर निगम के ब्रांड एंबेसडर राजेश शुक्ला ने पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि गंगा घाटों पर महिलाएं अक्सर साड़ी या अन्य वस्त्र गंगा में अर्पित करती हैं। यह कपड़े गंगा की तलहटी में जमा हो जाते हैं, जिससे नदी की स्वच्छता पर बुरा असर पड़ता है। इन वस्त्रों के निस्तारण में नगर निगम को भी कठिनाई होती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को स्मार्ट और प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में नगर निगम विशेष अभियान चला रहा है। इस पहल के तहत स्वयंसेवी महिलाओं की टीम गंगा और घाटों पर फेंके गए पुराने कपड़ों से झोले बना रही है। इन झोलों को नगर निगम और नमामि गंगे की टीम घाटों पर मुफ्त में बांट रही है, ताकि लोग प्लास्टिक की थैलियों के बजाय कपड़े के झोलों का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें।
कार्यक्रम में गंगा की स्वच्छता और प्लास्टिक मुक्त वाराणसी के लिए सभी को जागरूक किया गया। प्रमुख रूप से आयोजन में नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला, गिनीज बुक रिकॉर्ड होल्डर और प्रसिद्ध नृत्यांगना सोनी चौरसिया, स्केटिंग गुरु राजेश डोंगरा और सैकड़ों वेदपाठी बटुकों ने भाग लिया।
इस पहल के माध्यम से गंगा और घाटों की स्वच्छता बनाए रखने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश फैलाया जा रहा है, जिसमें पॉलिथीन और कपड़ों के विसर्जन से होने वाले नुकसान को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं।