वाराणसी(काशीवार्ता)। हमेशा अपने आप में व्यस्त रहने वाले शहर बनारस में ई-रिक्शा की संख्या बढ़ने से जाम की स्थिति आए दिन उत्पन्न हो रही है। शहर में ट्रैफिक और इलाकाई थानों की पुलिस दिखाई जरूर देती है लेकिन मनमाने तरीके से चल रहे ई-रिक्शा को लेकर कर कुछ नहीं पाती। मानो फोर्स के हाथ बंधे हैं।
चौराहों पर होमगार्ड की डयूटी लगा दी जाती है। वे चौराहों पर या तो मोबाइल पर बात करते दिखाई देते हैं, या आपसी सुख-दुख: में लगे रहते हैं। बनारस की इस लाइलाज बीमारी की वजह से लोग खिजला गए हैं। पूरा शहर जाम के झाम से परेशान है। इसका मुख्य कारण ई-रिक्शा का बेतरतीब संचालन है।
शहर में काफी संख्या में ई-रिक्शा की वजह से मुख्य मार्गों जैसे- कैंट रेलवे स्टेशन रोड, कोतवाली थाना क्षेत्र, सिटी रेलवे स्टेशन के सामने, लंका थाना क्षेत्र का मालवीय चौराहा, सोनारपुरा चौराहा, सिगरा, प्रह्लादघाट (आदमपुर) सहित अन्य बाजारों में रोजाना जाम लगना आम बात हो गई। ट्रैफिक व्यवस्था की खराब स्थिति देखना हो तो मंडुआड़ीह थाना क्षेत्र में कभी भी देखी जा सकती है।
आदमपुर थाना क्षेत्र में भी यही हाल है। मंडुुआडीह थाना क्षेत्र और प्रह्लादघाट (आदमपुर) की स्थिति देखकर आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि इन थाना क्षेत्रों में थाना और पुलिस चौकी है भी या नहीं?
पहली जगह : मालवीय चौराहा
शहर से जाते समय सर सुंदरलाल अस्पताल से पहले पड़ता है मालवीय चौराहा। यहां से एक रोड बीएचयू ट्रामा सेंटर की ओर भी जाती है। कहने को यह मुख्य सड़क है। पर अतिक्रमण से सड़क सिकुड रही है। ऊपर से सड़क के दोनों तरफ ई-रिक्शा चालक वहां खड़े हो कर सवारियों का इंतजार करने लगते हैं। इससे वहां हर समय जाम लगा रहता है।
दूसरी जगह : सिगरा चौराहा
सिगरा चौराहे के बारे में स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां कभी जाम नहीं लगता था। अब स्थिति यह है कि सिगरा चौराहे से जुड़े सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया है। कुछ समय पहले तक सिगरा चौराहे पर ट्रैफिक व्यवस्था बिल्कुल सामान्य रहती थी। लोगों का कहना है कि सिगरा थाने की पुलिस ने कभी बढ़ती जाम की समस्या पर काम ही नहीं किया। यहां पर भी ई-रिक्शा की वजह से जाम लगता है। लोग यदि ई-रिक्शा चालक से वाहन हटाने को कहते हैं तो वह लड़ने को तैयार हो जाते हैं। यहां से एक रास्ता कैन रेलवे स्टेशन के लिए जाता है। दूसरा महमूरगंज की ओर।
तीसरी जगह : कैंट रेलवे स्टेशन
स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां सामान्य दिनों में तकरीबन ढाई लाख फुट रनिंग होती है। बावजूद इसके, बहुत कम रेलवे स्टेशन के सामने जाम लगता था। कैंट रेलवे स्टेशन बनारस को जोड़ता है। यहां से एक सड़क शहर की तरफ जाती है। यहां पर भी ई-रिक्शा के चालक सड़क के दोनों किनारों पर खड़ा कर सवारियों का इंतजार करने लगते है। रेलवे स्टेशन के सामने का मंजर अब यह है कि यहां हर समय जाम लगा रहता है।
रूट निर्धारित करने के लिए अधिकारियों से मिलेंगे
मंडुआडीह के आदर्श नगर कॉलोनी स्थित उत्तर प्रदेश ऑटो रिक्शा थ्री व्हीलर चालक यूनियन कार्यालय में एक आवश्यक बैठक की गई। अध्यक्षता करते हुए यूनियन के उपाध्यक्ष मुमताज अहमद ने कहा कि शहर की सड़कों पर अवैध रूप से संचालित ई-रिक्शा की बाढ़ आ गई है, जिसके चलते पूरा शहर जाम की समस्या से जूझ रहा है। हैरानी वाली बात यह है कि प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पिछली बैठकों में ई-रिक्शा के रूट निर्धारण का मुद्दा उठाया गया था। आश्वासन के बाद आज तक रूट प्लान को लागू नहीं किया गया। यूनियन अध्यक्ष ईश्वर सिंह ने कहा कि शासन और प्रशासन को ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) के लिए मुकम्मल पॉलिसी बनाने की आवश्यकता है। बैठक में जिला प्रशासन से मिलकर ई-रिक्शा का रूट निर्धारित करने का प्रस्ताव पारित हुआ। बैठक में मुख्य रूप से दिनेश, अनिल, अनिल कुमार गुप्ता, किशन कन्नौजिया, हरेंद्र गिरी, मो. शकील, विशाल कुमार गुप्ता, अब्दुल करीम, शिवा सरोज, अनिल पटेल, रोहित कुमार, विकास दुबे सहित अन्य मौजूद थे।