वाराणसी (काशीवार्ता)। विश्व प्रसिद्ध रामनगर की ऐतिहासिक श्रीरामलीला का समापन अयोध्याजी के मैदान पर धूमधाम से हुआ। इस मौके पर असम और मणिपुर के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य विशेष रूप से उपस्थित रहे और भगवान राम की आरती में भाग लिया। देर रात्रि 12:45 बजे संपन्न हुई इस भव्य आरती में हजारों श्रद्धालु मौजूद थे, जो रामलीला की अंतिम प्रस्तुति को देखने के लिए उमड़े थे।
रामनगर की रामलीला सदियों पुरानी परंपरा है, जो भारत ही नहीं, विश्व भर में प्रसिद्ध है। इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं और इस ऐतिहासिक रामलीला में रामायण के विभिन्न प्रसंगों का जीवंत मंचन किया जाता है। इस अवसर पर अयोध्याजी के मैदान पर भगवान राम, लक्ष्मण और सीता के किरदारों का मंचन चरम पर था, जिसके बाद आरती का आयोजन किया गया। आरती के दौरान भगवान राम के जयकारे गूंजते रहे और वातावरण भक्तिमय हो गया।
राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य ने अपने संबोधन में रामनगर की इस रामलीला की परंपरा और महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि रामलीला हमें धर्म, सत्य और आदर्शों का पालन करने की प्रेरणा देती है। रामनगर की रामलीला अपने आप में एक अनूठी धरोहर है, जो भारतीय संस्कृति और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के जीवन संदेश को जीवंत रूप में प्रस्तुत करती है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने रामलीला समिति के आयोजकों और कलाकारों की भी सराहना की, जिन्होंने इस सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और लोगों तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है।