Ashadha Vinayaka Chaturthi 2024: कब है आषाढ़ विनायक चतुर्थी? अभी नोट कर लें डेट, शुभ मुहूर्त और चंद्र दर्शन का सही समय

आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी ति​थि को विनायक चतुर्थी का व्रत रखने का विधान है। आषाढ़ विनायक चतुर्थी को बेहद लाभकारी माना जाता है। यह दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश की पूजा के लिए समर्पित होता है। इस दिन व्रत रखकर श्री गणेश जी की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग विनायक चतुर्थी का व्रत रखकर भगवान गणेश की पूजा करते हैं, उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन के हर कष्ट से छुटकारा मिलता है। इस विशेष दिन पर भगवान गणेश और भगवान शिव की आराधना करने से विशेष लाभ मिलते हैं। इसके साथ ही व्यक्ति को कई प्रकार के दुखों और विघ्नों से मुक्ति मिलती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किसी को भी चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए। इस दिन चंद्र दर्शन करने से व्यक्ति पर झूठा कलंक या चोरी का झूठा आरोप लग सकता है। आइए जानते हैं, विनायक चतुर्थी व्रत कब है, इस दिन पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त क्या है और पूजा विधि के बारे में विस्तार से-

आषाढ़ विनायक चतुर्थी तिथि कब है 2024?
तिथि शुरुआत-
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी ति​थि 9 जुलाई, दिन मंगलवार को सुबह 6:08 मिनट से शुरू होगी।
तिथि समाप्ति– वहीं, इस तिथि का समापन 10 जुलाई, दिन बुधवार को सुबह 7:51 मिनट पर होगा।
कब रखें व्रत- ऐसे में पूजा मुहूर्त के आधार पर विनायक चतुर्थी व्रत 9 जुलाई 2024 को रखा जाएगा।
जो लोग 9 जुलाई को विनायक चतुर्थी का व्रत रखेंगे, वो लोग श्रीगणेश की पूजा दिन में 11:03 मिनट से शुरू कर सकते हैं।
पूजा मुहूर्त- विनायक चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त 11: 03 मिनट से लेकर दोपहर 01:50 मिनट तक है।

आषाढ़ विनायक चतुर्थी पर बन रहे 3 शुभ योग
आषाढ़ विनायक चतुर्थी व्रत के दिन 3 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. इस दिन रवि योग, सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बनेंगे। विनायक चतुर्थी के दिन सबसे पहले सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इसके बाद 9 जुलाई को सिद्धि योग बनेगा. सिद्धि योग के बाद फिर रवि योग का निर्माण होगा।

विनायक चतुर्थी पर लगेगी भद्रा
आषाढ़ मास की विनायक चतुर्थी पर इस बार भद्रा का साया रहने वाला है, लेकिन यह शाम के समय में रहेगा। इस भद्रा का साया पृथ्वी लोक में है। चतुर्थी पर भद्रा का समय शाम 6:56 मिनट से लेकर अगले दिन 10 जुलाई को सुबह 5:31 मिनट तक रहेगा।

विनायक चतुर्थी की पूजा विधि
चतुर्थी वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और फिर स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें।
इसके बाद घर की साफ-सफाई कर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें।
फिर घर के मंदिर में चौकी रखकर उस पर लाल कपड़ा बिछाएं।
इसके बाद इस चौकी पर भगवान गणेश की तस्वीर या मूर्ति की स्थापना करें.
फिर गणपति बप्पा का रोली से तिलक करें।
तिल के बाद उन्हें चावल, दूर्वा, फल, फूल और पंचामृत चढ़ाएं।
इसके बाद भगवान गणेश को लड्डू या मोदक का भोग लगाएं।
इस दौरान ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का 7 बार जप करें।
अंत में बप्पा की आरती करें और सभी में प्रसाद बांटें।

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