
गोरखपुर के पिपराइच इलाके में पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई के दौरान कुख्यात पशु तस्कर और छात्र दीपक गुप्ता हत्याकांड का मुख्य आरोपी जुबैर मुठभेड़ में मारा गया। पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी और उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।
रामपुर शहर कोतवाली के मोहल्ला घेर मर्दान खां निवासी जुबैर का नाम गोरखपुर के चर्चित छात्र दीपक हत्याकांड की जांच के दौरान सामने आया था। वह गोंडा जिले के वांटेड अपराधी वहाब के साथ मिलकर अंतरराज्यीय पशु तस्करी का बड़ा नेटवर्क चला रहा था। इन दोनों का नेटवर्क गोरखपुर, गोंडा, बहराइच, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर से लेकर बिहार तक फैला हुआ था।
जुबैर की आपराधिक गतिविधियाँ किसी से छिपी नहीं थीं। पिछले वर्ष सितंबर में बलरामपुर जिले के तुलसीपुर में पशु तस्करी का विरोध करने पर उसने अपने साथियों संग दो पुलिस सिपाहियों पर डंडों से हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इस घटना के बाद प्रशासन ने उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।
एसटीएफ ने कड़ी कार्रवाई करते हुए उसे शहजादनगर में मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर जेल भेजा था। मगर जेल से छूटने के बाद जुबैर ने फिर से पशु तस्करी के धंधे में कदम रख दिया और अपराध की दुनिया में सक्रिय हो गया।
अंततः गोरखपुर पुलिस और एसटीएफ ने उसे घेरते हुए जवाबी फायरिंग में ढेर कर दिया। जुबैर का खात्मा क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय पशु तस्करी और अपराध के नेटवर्क पर एक बड़ी चोट मानी जा रही है। इससे पुलिस को बड़ी राहत मिली है और स्थानीय लोगों ने भी चैन की सांस ली है।