वाराणसी(काशीवार्ता)।अजय राय ( उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष)ने काशी के घाटों की दुर्दशा पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उनके अनुसार, घाटों पर मिट्टी का जमाव, अंधेरा, और गिरते हुए अनगिनत नाले “स्मार्ट सिटी” परियोजना की हकीकत को उजागर कर रहे हैं। आगामी 7-8 नवंबर को छठ पूजा और 15 नवंबर को देव दीपावली का पर्व आने वाला है, जिसमें लाखों श्रद्धालु गंगा घाटों पर एकत्र होंगे। राय ने चिंता जताई है कि वर्तमान हालात में श्रद्धालुओं को बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
काशी के घाटों की बिगड़ी स्थिति
अजय राय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में 84 घाटों में से 50 से अधिक घाटों पर अंधेरा पसरा हुआ है, जबकि कई घाटों पर मिट्टी का जमाव देखा जा सकता है। रविदास घाट से लेकर अस्सी घाट तक कई स्थानों पर नालों का गिरना निरंतर जारी है, जिससे घाटों की स्थिति अत्यंत खराब हो गई है। राय का कहना है कि “स्मार्ट सिटी” परियोजना की ओर सरकार की उदासीनता स्पष्ट नजर आ रही है। उन्होंने बताया कि घाटों की स्थिति में सुधार के नाम पर केवल कागजों पर काम हो रहा है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और है।
सफाई और प्रकाश व्यवस्था की कमी
राय ने यह भी बताया कि घाटों पर लगी सैकड़ों स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हुई हैं, जिससे रात में घाटों पर अंधेरा रहता है। उन्होंने कहा कि कुछ घाटों की सफाई स्थानीय निवासियों द्वारा की गई है, जबकि सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। घाटों पर मिट्टी का अंबार और गंदगी इतनी बढ़ गई है कि श्रद्धालुओं का घाटों पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। छठ पूजा करने वाली माताओं और बहनों को, जो गंगा घाटों पर अर्घ्य देने आती हैं और रात भर वहां रुकती हैं, इन खराब हालातों के चलते बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
अजय राय ने सरकार पर आरोप लगाया कि “मां गंगा के नाम पर छलावा करना” अब भाजपा सरकार की पहचान बन गई है। उन्होंने कहा कि “खोटी नियत और खोखला विकास” सरकार के कामकाज की सच्चाई को उजागर करता है। अजय राय ने कहा कि सरकार को जनता की कोई परवाह नहीं है और घाटों की दुर्दशा से सरकार की लापरवाही साफ नजर आती है। उनका कहना है कि सरकार की असंवेदनशीलता का सबसे बड़ा खामियाजा श्रद्धालुओं को भुगतना पड़ेगा।
अजय राय ने यह भी कहा कि काशी की पहचान लोकपर्वों से है, जिनसे काशीवासियों का गहरा जुड़ाव है। छठ पूजा के ठीक बाद देव दीपावली का पर्व है, जो विश्वप्रसिद्ध है और जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। ऐसे समय में घाटों की यह दुर्दशा अत्यंत चिंताजनक है। राय ने स्थानीय सांसद और सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि घाटों की सफाई, बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटों को चालू करना, मिट्टी का अंबार हटाना और नालों का गिरना रोकना अत्यंत आवश्यक है।
अजय राय ने सरकार से आग्रह किया कि वह केवल कागजी दावों तक सीमित न रहे, बल्कि जनता की सुविधा के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करे। उन्होंने कहा कि गंगा के घाटों की दुर्दशा का सुधार अत्यंत आवश्यक है, ताकि श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना न करना पड़े और काशी की पहचान बरकरार रहे।